तुंगनाथ: स्वर्ग का एक टुकड़ा धरती पर! आपने ऐसा कुछ नहीं देखा होगा!

दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, खूबसूरत चोपता से ट्रेकिंग, बर्फ से ढके पहाड़ और हरे-भरे घाटियां, ये सब कुछ तुंगनाथ में मौजूद है. इस लेख में हमने तुंगनाथ यात्रा के बारे में विस्तार से बताया है, जिसमें कैसे पहुंचें, कब जाएं, क्या देखें और क्या करें, ये सब शामिल है. अगर आप हिमालय की गोद में शांति और प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं, तो तुंगनाथ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Wed, 14 Aug 2024-1:51 pm,
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Tungnath Temple

ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच ये मंदिर जैसे बादलों को छू रहा हो. ये दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है. यहा से चारों तरफ का नजारा देखने लायक होता है. हरीभरी घाटियां, बर्फ से ढके पहाड़, सब कुछ इतना सुंदर लगता है कि यहां से जाने का मन ही नहीं करेगा.

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तुंगनाथ जाने का रास्ता

तुंगनाथ जाने का रास्ता थोड़ा सा चैलेंजिंग है, लेकिन मजा भी बहुत आता है. रास्ते में ऐसेऐसे नजारे मिलेंगे कि आप दंग रह जाएंगे. घने जंगल, तेज नदियां, और खड़ी चढ़ाईयां, सब कुछ एडवेंचर से भरपूर है. थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन मंजिल पर पहुंच कर शिव जी के दर्शन करने के बाद सारी थकान उतर जाएगी.

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चोपता का खूबसूरत नजारा

तुंगनाथ जाने से पहले चोपता में रुकना न भूलें. ये जगह इतनी सुंदर है कि आपका दिल यहीं रुकने को करेगा. हरेभरे मैदान, दूरदूर तक पहाड़, और ताजा हवा, सब कुछ परफेक्ट है. यहां से तुंगनाथ जाना भी आसान होता है, इसलिए कुछ समय यहां गुजार कर आगे बढ़ें.

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तुंगनाथ में बर्फ

सर्दियों में तुंगनाथ का पूरा अलग ही जादू होता है. चारों तरफ बर्फ की चादर बिछी होती है. पेड़पौधे भी बर्फ से ढके होते हैं, जैसे आप किसी सफेद दुनिया में आ गए हों. अगर आपको बर्फ में खेलना पसंद है तो सर्दियों में जाना ही बेस्ट रहेगा. सर्दियों मेंं जाने से पहले अच्छे से तैयारी जरूर कर लें.

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तुंगनाथ में ट्रेकिंग

तुंगनाथ तक ट्रेकिंग करना एक अनोखा अनुभव देता है. रास्ते में आपको तरहतरह के फूल, पेड़पौधे, और जानवर देखने को मिलेंगे. आपको थोड़ी थकान होगी, लेकिन हर कदम पर मिलने वाले नजारे देख कर सारी थकान भूल जाएंगे. मंदिर के पास पहुंचने पर जो सुकून मिलेगा, वो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.

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दिल्ली से तुंगनाथ की दूरी

दिल्ली से तुंगनाथ तक का सफर थोड़ा लंबा है, लगभग 500 किलोमीटर. लेकिन सफर का मजा ही अलग होता है. बस या ट्रेन से जा सकते हैं. बस में बैठकर खिड़की से बाहर के नजारे देखते हुए सफर कब कटजाएगा पता ही नहीं चलेगा.

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तुंगनाथ जाने का बेस्ट टाइम

तुंगनाथ जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर होता है. इस दौरान मौसम बहुत अच्छा रहता है, न तो ज्यादा गर्मी और न ही ज्यादा ठंड. इसके अलावा, इस समय यहां कम भीड़ भी होती है, तो आप आराम से घूमफिर सकते हैं, लेकिन अगर आपको बर्फ देखनी है, तो सर्दियों में ही जाएं.

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