`दूल्हे` मेंढक के प्यार में पड़ी `दुल्हन` मेंढकी! कूदते-फांदते कुछ ऐसे लिए सात फेरे; जमकर नाचे बाराती
Frog Wedding: इंद्र देवता बरस सके इसके लिए एक विवाह राजगढ़ में किया गया और यह विवाह अनोखा विवाह है. यह विवाह इंसानों का नहीं मेंढक और मेंढकी का विवाह है. किसानों का मानना है कि मेंढ़क की शादी कराने से बारिश होती है.
Trending News: मौसम की बेरुखी और बारिश न होने की चिंता किसानों को अब काफी तेजी से सताने लगी है. बारिश के लिए अब तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं. इंद्र देवता बरस सके इसके लिए एक विवाह राजगढ़ में किया गया और यह विवाह अनोखा विवाह है. यह विवाह इंसानों का नहीं मेंढक और मेंढकी का विवाह है. किसानों का मानना है कि मेंढ़क की शादी कराने से बारिश होती है. राजगढ़ जिले के बोड़ा में ऐसा विवाह रचाया गया. दरअसल, क्षेत्र के किसान बारिश नहीं होने से चिंतित है. बारिश के लिए प्रकृति पूजा की परंपरा रही है और इसको लेकर विभिन्न तरह के टोटकों का सहारा ले रहे हैं. इसी तरह गाजे-बाजे के साथ मेंढक-मेंढकी की शादी ग्रामीणों ने करायी.
मेंढकी को दुल्हन की तरह ही सजाया गया
एक तरफ मेंढक वर बकानी निवासी बना तो दूसरी ओर बोड़ा निवासी ने मेंढकी को दुल्हन की तरह ही सजाया गया. वर पक्ष विधि-विधान के साथ बारात लेकर आया, तो दूसरी ओर मेंढकी के पक्ष की ओर से शादी की सारी रस्में पूरी की गईं. इसे अंधविश्वास कहे या कुछ और मगर राजगढ़ जिले के बोड़ा-बकानी के गांव मे हिंदू समाज के किसानों ने बारिश होने की कामना को लेकर मेंढक और मेंढकी की विधि-विधान से शादी करायी. इसके लिए ढोल बाजे से बारात निकाली गई और खूब नाच गाना भी हुआ. इस शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं.
शिव मंदिर में मंडप सजाकर कराई रस्में
मंदिर परिसर में नगरवासियों ने मेंढक और मेंढ़की के विवाह के लिए मंडप सजाया और रीति रिवाज के साथ विवाह की रस्म निभाई. विवाह में वरमाला हुई. कन्या दान किया गया. साथ वचन के साथ सात फेरे संपन्न कराए गए. समस्त नगरवासियों ने ठाकुर मोहल्ला स्थित शिव मंदिर में पहुंच कर प्रसादी का वितरण किया.
रिपोर्ट: अनिल नागर