Budget 2023: वित्त मंत्री ने किया खुलासा! बताया क्यों लाती हैं लाल रंग के कपड़े में बजट; आप भी जान लें
मोदी सरकार ने कई परंपराओं को खत्म किया है. इसी तरह आपने देखा होगा कि 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बजट पेश किया था. उस समय ब्रीफकेस के बजाय बजट लाल कपड़े में लपेटकर लेकर आई थीं और अब ये परंपरा हर साल जारी है, लेकिन क्या आप जानते हैं. उन्होंंने ऐसा क्यों किया?
सूटकेस, ब्रीफकेस नहीं पसंद!
मोदी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही सूटकेस और ब्रीफकेस की परंपरा को 2019 में खत्म कर दिया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद पत्रकारों को बताया कि वे डिजिटल बजट भी लाल कपड़े में क्यों लेकर आती हैं? उन्होंने कहा कि मुझे सूटकेस, ब्रीफकेस पसंद नहीं आता. मेरी मामी ने लाल कपड़े का एक बस्ता बनाया और उसकी पूजा-अर्चना की फिर मुझे दिया. उन्होंने यह भी कहा कि ये घर का थैला नहीं लगे. ऐसे में इसे सरकारी पहचान देने के लिए उस पर अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया. इसके अलावा और भी है वजह.
भारतीय परंपरा
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन में नए बहीखातों की शुरुआत होती है और उस पर भी लाल कवर होता है. यह भारतीय परंपरा रही है. उन्होंने कहा कि मैं यही सोचकर लाल कलर का थैला लेकर आई.
सूटकेस की परंपरा खत्म!
ये बदलाव पहली बार 2019 के बजट में हुआ था. इससे पहले सूटकेस और ब्रीफकेस में ही बजट आता था. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस सरकार में सूटकेस के आदान-प्रदान की परंपरा भी नहीं है.
वित्त मंत्री ने कल आर्थिक सर्वेक्षण भी डिजिटल फॉर्मेट में ही पेश किया था.
28 या 29 फरवरी को पेश होता था बजट
मोदी सरकार ने इस परंपरा को भी बदल दिया. पहले 28 या 29 फरवरी को नए वित्त वर्ष के लिए बजट पेश किया जाता था, लेकिन अब हर साल 1 फरवरी को ही बजट पेश किया जाता है.