बताना तो पड़ेगा : कर्नाटक में पिछले दरवाज़े से सत्ता में आना चाहती है कांग्रेस?

May 15, 2018, 22:23 PM IST

कर्नाटक में धूप खिलने के साथ ही कमल खिल गया.चुनाव में मोदी-शाह का जादू चल निकला.जनता ने सिद्धारमैया को सबक सिखाया तो लगे हाथ राहुल गांधी से भी कह दिया कि सिर्फ आरोपों की सियासत कर्नाटक को पसंद नहीं है लेकिन सिद्धारमैया को सिंहासन से उतारने वाले येदियुरप्पा खुद अपनी कुर्सी के लायक विधायक नहीं जिता पाए.महज सात आठ सीटों के फासले ने एक दूसरे के खिलाफ आग उगलने वाली जेडीएस और कांग्रेस को गलबहियां का मौका दे दिया.कांग्रेस ने कुमारस्वामी को सीएम पद की पेशकश की जो उन्होंने बिना देर किए लपक लिया और राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा भी ठोक दिया लेकिन सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के नेता ने भी राज्यपाल से मुलाकात में देरी नहीं दिखाई.सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ लेने के लिए 17 मई की तारीख मुकर्रर कर दी है..लेकिन कहानी में अभी पल पल नए ट्वीस्ट आने जारी हैं.कुमारास्वामी को समर्थन देने के फैसले से नाराज कई लिंगायत विधायकों ने पार्की के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है.

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