Chhattisgarh Election 2023 : छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में इस बार बीजेपी या कांग्रेस? जानिए 14 सीटों का सियासी हाल
Surguja Assembly Seat : इस बार सरगुजा इलाके में कांग्रेस का गणित बिगड़ता हुआ दिख रहा है. यहां 14 में से 4 विधायकों के टिकट कटने और विधायकों के काम नहीं करने की वजह से जनता में नाराजगी देखने को मिल रही है. लोगों की नाराज़गी का आलम कुछ इलाकों में लोग खुलकर उन्हें और सरकार को बदलने की बात कर रहे हैं.
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग में बस दो दिन का वक्त बचा है. ज़ी न्यूज़ की इलेक्शन टीम सूबे की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चल रही हर छोटी-बड़ी राजनीतिक गतिविधियों के बारे में आपको बता रही है. ऐसे में आज बात सरगुजा संभाग की जहां पहुंचे हैं. ज़ी न्यूज़ संवाददाता रवि त्रिपाठी जिन्होंने पूरे संभाग के सियासी समीकरणों की पड़ताल करते हुए आपके लिए ये ग्राउंड रिपोर्ट भेजी है.
सरगुजा में मुश्किल में दिख रही कांग्रेस
सरगुजा संभाग में पिछले विधनसभा चुनाव में कांग्रेस ने क्लीन स्वीप किया था. पूरे प्रदेश में यही एक संभाग था जहां की जनता ने कांग्रेस की झोली में सभी सीटें डाल दी थी. माना जाता है कि संभाग के लोगों ने यहां के सबसे बड़े नेता और राजपरिवार से आने वाले T S सिंह देव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एकतरफा मतदान किया था. हालांकि T S सिंह देव मुख्यमंत्री नही बन पाए. हालांकि इस बार यहां कांग्रेस का पूरा का पूरा गणित बिगड़ता हुआ दिख रहा है. 14 में से 4 विधायकों के टिकट कटने और विधायकों के काम नहीं करने की वजह से जनता में नाराजगी देखने को मिल रही है. लोगों की नाराज़गी का आलम कुछ इलाकों में लोग खुलकर उन्हें और सरकार को बदलने की बात कर रहे हैं.
नाराज हैं किसान
वैसे जनता की नाराज़गी का ऐहसास उप मुख्यमंत्री और अंबिकापुर से उम्मीदवार T S सिंह देव को भी है, इसलिए वो क्रिकेट मैच खिलाड़ियों का उदाहरण देकर बता रहे हैं कि हर बार शतक लगाना मुश्किल होता है. ऐसे में क्या मान लिया जाए कि कांग्रेस की राह इस बात उतनी आसान नहीं है, जितनी प्रचंड जीत उसने 2018 में हासिल की थी?
हालांकि T S किसानों को लेकर अपने सरकार की उपलब्धि गिनाते नहीं थकते. यही नहीं पूरी कांग्रेस सरकार किसानों के मुद्दे पर ही चुनाव जीतने का दावा कर रही है. लेकिन हमने जब सरगुजा के खेत में धान की कटनी करने वाले किसानों से बात की तो उनकी राय सरकार के दावे से बिल्कुल विपरीत थी.
दरअसल रवि त्रिपाठी के सवाल जवाब में खेतिहर किसान मजदूरों ने कैमरे पर कहा, 'सरकार ने उन्हें कुछ नहीं दिया, उल्टा बिजली के बिल हजारों में आ रहे हैं.'
धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा.
जाहिर है कि इस नाराज़गी का फ़ायदा बीजेपी को होगा. सरगुजा संभाग में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा है. कभी इस संभाग के बीजेपी नेता दिलीप सिंह जूदेव ने ऑपरेशन घर वापसी चलाकर तमाम कन्वर्टेड हिंदुओं की घर वापसी करवाई थी. इस मुद्दे का हवाला देकर जूदेव परिवार के बीजेपी नेता रणविजय सिंह जूदेव इस बार संभाग की 14 में से 8 सीटों पर जितने का दावा कर रहे हैं. हालांकि इस मुद्दे पर जनता की अलग अलग राय है.
पूरे सरगुजा इलाके में घूमने के बाद ऐसा लगा कि वाकई इस बार सरगुजा में कांग्रेस की राह बहुत आसान नहीं है.
सरगुजा संभाग में बीजेपी-कांग्रेस को अब तक मिली सीटें
वर्ष
2003 भाजपा-10
कांग्रेस - 04
2008
भाजपा- 09
कांग्रेस - 05
2013
भाजपा- 07
कांग्रेस- 07
2018
भाजपा- 0
कांग्रेस- 14
(2) छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों का गणित
छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं, इसमें से 39 सीटें आरक्षित है, जिसमें से 29 अनुसूचित जनजाति यानि (एसटी) सीट है.
प्रदेश की कुल आबादी में 32 फीसदी आदिवासी वर्ग यानी की अनुसूचित जनजाति से है.
सरगुजा संभाग में 6 जिले हैं
सरगुजा, कोरिया, रामानुजगंज-बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर.