Madhya Pradesh Chunav Result: मध्य प्रदेश में भाजपा की बंपर जीत ने कांग्रेस को एक बार फिर सत्ता से दूर कर दिया है. एग्जिट पल के अनुमानों से अलग भाजपा ने कांग्रेस को बड़े अंतर से हराया है. शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हैं. राज्य में भाजपा ने बड़ी जीत जरूर दर्ज की है. लेकिन पार्टी के कई मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए. शिवराज कैबिनेट के 12 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. आइये आपको बताते हैं भाजपा के हारे मंत्रियों के बारे में.


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भाजपा की बंपर जीत


मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो तिहाई बहुमत मिल गया है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से भाजपा के उम्मीदवार 159 सीट जीत चुके हैं जबकि चार सीट पर आगे चल रहे हैं. 


कांग्रेस को मिली हार


वहीं कांग्रेस ने अब तक 63 सीट पर जीत दर्ज की है और वह तीन सीट पर आगे चल रही है. भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के साथ ही अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने में सफल रही जबकि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल के 10 से अधिक मौजूदा मंत्री पराजित हो गए हैं.


शिवराज सरकार के 12 मंत्री हारे


शिवराज सरकार के 12 मंत्री चुनाव हार गए हैं. शिवराज मंत्रिमंडल के हारने वाले मंत्रियों में दतिया से डॉ. नरोत्तम मिश्रा, हरदा से कमल पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया, बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, अटेर से अरविंद सिंह भदौरिया, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखेलावन पटेल, पारसवाड़ा से राम किशारे नानो कांवरे, पोहरी से सुरेश धाकड़, खरगापुर से राहुल सिंह लोधी शामिल हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी चुनाव हार गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को खरगापुर से हार का सामना करना पड़ा.


भाजपा का वोट प्रतिशत भी बढ़ा


मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले जो कांग्रेस की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है. इस बढ़त की बदौलत भाजपा ने न केवल 163 सीट पर जीत दर्ज की है बल्कि मध्य प्रदेश की द्वि-ध्रुवीय राजनीति में अपनी स्थिति भी पहले से मजबूत कर ली है. भाजपा को 163 सीटों के साथ लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले. जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40.89 (2018) के मुकाबले लगभग 40.40 ही रहा और कुल सीटों की संख्या 114 से घटकर 66 हो गई. करीब आठ प्रतिशत मतों की बढ़त ने भाजपा को 2018 में 109 सीटों से 2023 में 163 सीटों पर पहुंचा दिया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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