Madhya Pradesh Chunav Voting Pattern 2023: मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है. इस बार के चुनाव में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोटिंग की थी. जिससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को अपने फेवर में हवा चलने की उम्मीद लग रही है. दोनों ही दल आशा कर रहे हैं कि महिलाओं का बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत उनकी किस्मत खोलने वाला साबित होगा. बीजेपी जहां राज्य में लगातार चौथी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस इस बार राज्य की सत्ता में पंजा गाड़ने की सोच रही है. 


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17 नवंबर को डाले गए गए थे वोट


चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश की 230 असेंबली सीटों के लिए 17 नवंबर को वोटिंग (Madhya Pradesh Chunav Voting Pattern 2023) हुई थी. जिसमें इस बार वोटिंग प्रतिशत 77.15 रहा. इनमें से पुरुष वर्ग का मतदान 78.21 और महिला वर्ग का मतदान 76.03 प्रतिशत रहा. यह मतदान प्रतिशत पिछले 66 साल में सबसे अधिक है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो मतदान का प्रतिशत 75.63 था. 


महिलाओं को रास आए चुनावी वादे? 


चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़े इस बात का संकेत दे रहे हैं कि कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिलाओं (Madhya Pradesh Chunav Voting Pattern 2023) का मत प्रतिशत पुरुषों की तुलना में काफी ज्यादा रहा है. इस बार के चुनाव में सभी की नजर महिला मतदाताओं पर रही है. इसकी वजह भी है क्योंकि सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के लिए जहां लाडली बहना योजना शुरू की है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने सत्ता में आने पर नारी सम्मान योजना शुरू करने का वादा कर रखा है.


किसके हिस्से में गया होगा वोट?


राज्य में हुए मतदान में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मतदान का प्रतिशत (Madhya Pradesh Chunav Voting Pattern 2023) या कहें की हिस्सेदारी कम रही है. मगर, पिछले चुनाव की तुलना में इस बार महिलाएं कहीं ज्यादा मतदान करने के लिए सामने आईं. इसी के चलते कांग्रेस हो या भाजपा दोनों को लगता है कि महिलाओं का वोट उसके हिस्से में ज्यादा आया होगा.


3 दिसंबर को सामने आएंगे नतीजे


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं (Madhya Pradesh Chunav Voting Pattern 2023) की चुप्पी और उसके बाद उनके वोट प्रतिशत में इजाफा इस बात का संकेत तो दे ही रहा है कि उनकी सियासी जागरूकता बढ़ी है और उन्हें राजनीतिक दल की योजनाएं भी रास आई हैं. मगर, किस दल की योजना उन्हें रास आई यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा. स्वाभाविक बात है दोनों राजनीतिक दलों को यह लगता है कि महिलाओं को उनकी योजनाएं रास आई होगी और यही कारण है कि महिलाओं ने उनके पक्ष में मतदान किया होगा.


(एजेंसी आईएएनएस)