MP Election Result: दो तिहाई बहुमत शिवराज सिंह चौहान के लिए वरदान या चैलेंज, पढ़िए इनसाइड स्टोरी
MP Election Result: मध्य प्रदेश में भाजपा की बंपर जीत से शिवराज सिंह चौहान का पार्टी में कद जरूर बढ़ गया है लेकिन अभी उनके लिए चुनौती कम नहीं हुई है. क्योंकि भाजपा ने अभी राज्य में मुख्यमंत्री का ऐलान नहीं किया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा इस बार शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाएगी या नहीं?
MP Election Result: मध्य प्रदेश में भाजपा की बंपर जीत से शिवराज सिंह चौहान का पार्टी में कद जरूर बढ़ गया है लेकिन अभी उनके लिए चुनौती कम नहीं हुई है. क्योंकि भाजपा ने अभी राज्य में मुख्यमंत्री का ऐलान नहीं किया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा इस बार शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाएगी या नहीं? भाजपा के लिए शिवराज सिंह को सीएम नहीं चुनना, बेहद मुश्किल भरा फैसला होगा. क्योंकि राज्य में चुनावी जीत के लिए शिवराज ने कड़ी मेहनत की है. महिलाओं में उनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है. सवाल यह भी है कि शिवराज सिंह चौहान अगर सीएम नहीं बनते हैं तो उनकी जगह कौन लेगा? आइये आपको बताते हैं चुनाव में जीत के बाद भाजपा के सबसे अहम फैसले की इनसाइड स्टोरी के बारे में.
कौन बनेगा मध्य प्रदेश का सीएम?
मध्यप्रदेश के चुनावी नतीजे के बाद यह कहना मुश्किल है कि शिवराज सिंह चौहान सीएम नहीं बनेंगे. कहा यह भी जा रहा है कि हो सकता है भाजपा लोकसभा चुनाव तक सीएम पद शिवराज सिंह चौहान के पास ही रहने दे. लेकिन लोकसभा चुनाव बाद शिवराज को दिल्ली बुलाया जा सकता है और केंद्रीय सियासत में जिम्मेदारी दी जा सकती है. अब उन चेहरों की बात करते हैं जिन्हें शिवराज सिंह चौहान की जगह मिल सकती है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की चर्चा
सबसे पहला नाम है ज्योतिरादित्य सिंधिया का. सिंधिया बहुत पहले से मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखते हैं. भाजपा में शामिल होने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी के लिए बहुत मेहनत भी की है. चुनाव की बात करें तो ग्वालियर क्षेत्र में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है. ग्वालियर को ज्योतिरादित्य का गढ़ भी कहा जाता है. सबसे बड़ी बात यह कि सिंधिया ने कांग्रेस से नाता इसलिए ही तोड़ा था कि उन्हें सीएम न बनाकर कमलनाथ को बनाया गया.
सीएम रेस में कैलाश विजयवर्गीय भी
मध्य प्रदेश के सीएम की रेस में कैलाश विजयवर्गीय के नाम की चर्चा भी जोरों पर है. कैलाश विजयवर्गीय ने इस बार चुनाव भी लड़ा है. चुनाव और चुनाव से पहले विजयवर्गीय ने कई ऐसे बयान दिए हैं, जिसे ध्यान में रखकर कहा जा सकता है कि विजयवर्गीय के मन में भी मुख्यमंत्री पद की आस जरूर है. विजयवर्गीय ने कहा था कि मैं भोपाल में बैठकर इशारा करूंगा उससे ही आपका काम हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि मैं सिर्फ विधायक बनने नहीं आया हूं. पार्टी में मुझे कुछ और बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी तो काम भी बड़ा होगा.
नरेंद्र तोमर के नाम की चर्चा
मध्य प्रदेश के सीएम की रेस में नरेंद्र सिंह तोमर के नाम की चर्चा भी जोरों पर है. चुनाव में नरेंद्र तोमर को पार्टी ने चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक भी बनाया था. इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री होते हुए भी पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए भेजा. पार्टी के आलाकमान से नरेंद्र तोमर के हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि नरेंद्र तोमर भी सीएम बन सकते हैं.
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