Rajasthan Chunav: अशोक गहलोत के मंत्री को पैसे क्यों वापस कर रही ये महिला? वोटिंग से पहले क्या है माजरा
Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है. लेकिन उससे पहले एक वीडियो वायरल हो रहा है, एक महिला गहलोत सरकार के एक मंत्री को पैसे वापस कर रही है.
Rajasthan Election News: मतदान से ऐन पहले राजस्थान में एक वीडियो वायरल हो रहा है. एक महिला के राज्य सरकार में मंत्री शांति धारीवाल को कथित तौर पर कुछ पैसे ‘लौटाने की कोशिश करते हुए दिखाने वाले दो वीडियो सामने आए हैं, जिसके बाद विवाद पैदा हो गया है. पीएम नरेन्द्र मोदी ने कोटा में मंगलवार को चुनावी रैली में वीडियो का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था यह नकदी वोट खरीदने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थी. महिला को एक वीडियो क्लिप में यह कहते हुए सुना गया कि भैया ने उन्हें 25 हजार दिए थे. जिस पर मंत्री के एक सहयोगी ने उसे रोका और कहा कि इस समय यह मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
महिला का एक और वीडियो मंगलवार दोपहर सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें उसे यह स्पष्ट करते हुए सुना गया कि यह पैसा वोट के लिए नहीं था. इस वीडियो में वह यह कहती हुई सुनाई दी कि पैसा मंदिर के लिए मूर्तियां खरीदने के लिए था... उन्होंने हमें 25,000 रुपये दिए जबकि 25,000 रुपये और चाहिए थे. वोट के लिए पैसे नहीं दिए गए हैं. इस तरह की तस्वीर वायरल होने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि यही तो कांग्रेस की संस्कृति है. कांग्रेस को पता है कि इस चुनाव में उसके पक्ष में नतीजे नहीं आ रहे हैं. लिहाजा अब धनबल के जरिए वोटों की खरीदफरोख्त की जा रही है.
बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस का जवाब
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का कहना है कि महिला जब खुद कह रही है कि वोट के लिए पैसे नहीं दिए गए हैं. अब इसमें पार्टी को कहने के लिए कुछ नहीं बचता है. बीजेपी के लोगों की आदत है कि वो बेवजह किसी पर भी आरोप लगाते हैं. चुनाव में बीजेपी को पता है कि राजस्थान की जनता ने किसे चुनने के लिए मन बना लिया है. चुनावी रण में इस तरह के आरोप लगते हैं. जिसे आरोप लगाना हो वो लगा सकता है. 2023 के इस चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी कर रही है. बीजेपी जमीनी हकीकत को नजरंदाज कर रही है. आखिर बीजेपी के पास कहने के लिए कुछ है भी नहीं. बीजेपी की पुरानी आदत रही है कि वो दूसरों को बदनाम करती है. मतदान से ऐन पहले इस तरह के आरोप लगाकर जनता को बरगलाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन जनता सच और झूठ के बीच के फर्क को समझती है. 25 नवंबर को मतदान में साफ हो जाएगा कि जनता ने किस पर भरोसा किया है.