Azam Khan-Ajay Rai Meeting: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय (Ajay Rai) के बीच हाल में काफी तल्खी दिखी. दोनों ने एक-दूसरे को खूब सुनाया. ये तल्खी एमपी विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) को लेकर थी, जहां कांग्रेस (Congress) ने सपा (SP) को भाव तक नहीं दिया. अखिलेश यादव ने इसे कांग्रेस का धोखा बताया और खूब खरी-खोटी सुनाई. इस बीच, अजय राय भी अखिलेश से उलझते हुए दिखाई दिए. लेकिन यूपी सियासत से ऐसी खबर आई, जिसने सभी को चौंका दिया. दरअसल, अखिलेश यादव से तू तू मैं मैं के बाद अजय राय उनकी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान से मिलने जा रहे थे. लेकिन सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने साफ मना कर दिया और कहा कि वह सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों से मिलेंगे.


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आजम से क्यों मिलना चाहते हैं अजय राय?


बताया जा रहा है कि आजम खान के बहाने कांग्रेस, मुसलमानों का हमदर्द बनने में जुटी हुई है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय, सपा नेता आजम खान से मिलने आज (गुरुवार को) सीतापुर जेल जाने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही खबर आ गई कि आजम खान अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी और से मुलाकात करना नहीं चाहते हैं.


SP-BSP के वोटर्स पर कांग्रेस की नजर


जानकारी के मुताबिक, आजम खान से मुलाकात कर मुसलमानों के उत्पीड़न का मुद्दा गरमाने की तैयारी हो रही थी. इसी के चलते यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय आज आजम खान से मिलने जा रहे थे. दरअसल, कांग्रेस की तरफ से आजम खान के जरिए मुसलमानों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश होगी. ये भी कहा जा रहा है कि सपा-बीएसपी के वोटर्स पर कांग्रेस की नजर है. जान लें कि कांग्रेस, नवंबर में मुसलमानों के साथ छोटे-छोटे समूह में चाय पर बैठक भी करेगी.


अखिलेश यादव VS अजय राय


गौरतलब है कि एमपी चुनाव को लेकर कांग्रेस-सपा में शुरू हुई रार ने इंडिया गठबंधन की एकता पर भी सवाल उठा दिए हैं. सपा और कांग्रेस के बीच ये विवाद तब शुरू हुआ था जब सपा को एमपी में कांग्रेस की तरफ से सीटें नहीं मिलने के बाद अजय राय ने कह दिया था हम यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. इसके बाद अखिलेश यादव भड़क गए थे और अजय राय की हैसियत तक पहुंच गए थे.


इसके बाद अखिलेश यादव और अजय राय के बीच वार पलटवार शुरू हो गया था. अजय राय ने कह दिया था कि जिसने अपने पिता की इज्जत नहीं की उसके आगे हम क्या हैं. इस बीच, एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी अखिलेश यादव के बारे में पूछे जाने पर कह दिया कि कौन अखिलेश-वखिलेश? इसके बाद अखिलेश यादव के चाचा और सपा सांसद रामगोपाल भी इस बहस में कूद पड़े और अजय राय को छुटभैय्या नेता बता डाला.


जान लें कि एमपी में 17 सिंतबर को वोटिंग होनी है और यहां कांग्रेस और सपा एक-दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतार चुके हैं. एमपी में गठबंधन ना हो पाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें पहले से नहीं पता था कि इंडिया गठबंधन केवल राष्ट्रीय स्तर पर है. कांग्रेस ने धोखा किया है. अगर उन्हें पता होता तो वह अपने नेताओं को कांग्रेस नेताओं से मिलने, मीटिंग करने के लिए कभी नहीं भेजते.