इन देशों की ऐसी सच्चाई जिससे वाकिफ नहीं होंगे, यहां एक भी पेड़ नहीं हैं
No Tree: पेड़ प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वातावरण को स्वच्छ और प्राकृतिक रूप से बनाए रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा भी पेड़ की कितनी खूबियां हैं, उन्हें गिनाया नहीं जा सकता है. फिर भी कुछ देशों में पेड़ नहीं हैं.
Countries Without Trees: वैसे तो पेड़ों से बनने वाला ऑक्सीजन हमारी श्वसन प्रणाली के लिए आवश्यक होता है. इतना ही नहीं वे कार्बन डाइऑक्साइड को समायोजित करने में मदद करते हैं और वायुमंडल के पुनर्निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां एक भी पेड़ नहीं पाए जाते हैं. सोचिए जो पेड़ समुद्र तट और नदी किनारे परिस्थितिकी संतुलन बनाने में मदद करते हैं वे अगर ना हों तो क्या होगा. ग्रीनलैंड, कतर और ओमान ऐसे देश हैं जहां एक भी पेड़ नहीं हैं.
जानकारी के मुताबिक ग्रीनलैंड को दुनिया के सबसे बड़े आइलैंड के रूप में जाना जाता है. यहां चारों ओर ग्लेशियर हैं. इसका नाम ग्रीनलैंड भी इसलिए पड़ा क्योंकि यहां कोई रहता नहीं है और लोग आकर रहने लगें, इसी वजह से इसका नाम पेड़ ना होते हुए भी ग्रीनलैंड रखा गया है. वहीं कतर में भी एक पेड़ नहीं है. इस पूरा रेगिस्तानी देश है. यहां तेल के भंडार हैं और मोतियों का उत्पादन है. इस देश की गिनती बहुत ही अमीर देशों में होती है. लेकिन इसके बावजूद भी यहां के प्राकृतिक वातावरण इस तरह हैं कि यहां पर एक भी पेड़ नहीं है.
ऐसे में इसके बावजूद भी फिर भी लोग बहुत ऐशो आराम से रहते हैं. इसके अलावा ओमान में भी पेड़-पौधे देखने को नहीं मिलेंगे. दशकों पहले यहां वन क्षेत्र 0.01% मापा गया था लेकिन 1990 के बाद से 0.0% पर बना हुआ है. लेकिन अब यहां लोग पेड़ों के लिए प्रयास कर रहे हैं.
बताया जाता है कि अंटार्कटिका में भी 98 फीसदी हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है, वहां भी पेड़ नहीं हैं. बता दें कि पेड़ परिसर में निवास करने वाले जीवों के लिए वे आवास प्रदान करते हैं. वे उन्हें शेल्टर, आहार और सुरक्षा प्रदान करते हैं. पेड़ जंगली पशुओं, पक्षियों, कीटों, और अन्य जीवों के लिए आवास का स्थान बनाते हैं. पेड़ों का महत्वपूर्ण योगदान जलवायु नियंत्रण में होता है.