Acidity by Pulses: दाल (Pulse) पोषक तत्वों (Nutrients) का भंडार है. इनमें प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कार्ब्स और कई मिनरल्स मौजूद होते हैं. जिसकी डाइट में दाल शामिल नहीं होती है, उसके शरीर को आधा ही न्यूट्रिशन मिल पाता है. लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो चाहते हुए भी दाल नहीं खा पाते हैं, चूंकि उन्हें दाल खाने की वजह से एसिडिटी या पेट दर्द की परेशानी होती है. दाल को गलत तरीके से बनाने की वजह से भी पेट में गैस की दिक्कत हो सकती है. अगर आपको भी ये परेशानी है तो दाल बनाने का सही तरीका जान लीजिए, जिससे एसिडिटी का डर न हो और दाल के पोषण का लाभ भी मिल सके. 


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क्यों बनती है दाल से गैस


दाल से गैस बनने की वजह दाल में मौजूद फाइटिक एसिड हो सकते हैं. ज्यादातर रात के वक्त दाल खाने से  गैस बनती है. ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि दाल   में में मौजूद प्रोटीन और फाइटिक एसिड को पचने में वक्त लगता है. फाइटिक एसिड को अगर निकाल दिया जाए तो गैस की परेशानी से बच सकते हैं. 


इस तरह से बनाएं दाल


- दाल को बनाने से पहले इसे 10-12 घंटे भिगोकर रखें. इस तरह से दाल में मौजूद फाइटिक एसिड निकल जाएंगे और गैस की परेशानी नहीं होगी. दाल भिगोने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें. इसमें नीबू डालने से भी बहुत फायदा होगा. 


- दाल को तेज आंच पर पकाने की वजह से भी पाचन में परेशानी हो सकती है. इसलिए दाल को धीमी आंच पर ही पकाना चाहिए. तेज आंच पर दाल पकाने से बचना चाहिए.


- कुछ लोग दाल को बिल्कुल फीका बनाते हैं. दाल में मिर्च, हींग, जीरा, लहसुन और धनिया जैसे मसाले मिलाएं. ऐसे पाचक मसाले डालने से दाल को पचने में आसानी होगी. 


इन दालों को कम मात्रा में खाएं


कुछ दालों को पचाने में परेशानी होती है, इसलिए अगर आपका पाचन कमजोर है और आपको गैस की परेशानी होती है तो चना, उड़द, अरहर, राजमा और मटर की दाल कम मात्रा में ही खाना चाहिए. रात में ऐसी दालें खाने से बचना ही बेहतर है. मूंग की दाल पाचन के लिहाज से बहुत अच्छी मानी जाती है. इसे खाने से कई फायदे होते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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