मुंबई आतंकी हमला मामले में लखवी को व्यक्तिगत पेशी से छूट
पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी क्योंकि लश्करे तैयबा के संचालन प्रमुख का कहना था कि उसकी जान को गंभीर खतरा है।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी क्योंकि लश्करे तैयबा के संचालन प्रमुख का कहना था कि उसकी जान को गंभीर खतरा है।
लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने सुनवाई के बाद कहा, ‘निचली अदालत (आतंकवाद निरोधक अदालत इस्लामाबाद) ने लखवी को सुरक्षा आधार पर अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट प्रदान की है। अदालत ने इस्लामाबाद के आईजी की इस रिपोर्ट के बाद लखवी की अर्जी को कबूल कर लिया कि उसकी जान को गंभीर खतरा है।’
अब्बासी ने अदालत में आवेदन दाखिल कर अनुरोध किया था कि उनके मुवक्किल को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जाए क्योंकि 55 वर्षीय लखवी की जान को गंभीर खतरा है। यह खतरा एक विदेशी खुफिया एजेंसी और तालिबान की एक शाखा से बताया गया।
अब्बासी ने कहा, ‘अदालत में आते या यहां से जाते वक्त लखवी की हत्या की जा सकती है।’ न्यायाधीश ने सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। गत 10 अप्रैल को जमानत पर अदियाला जेल से रिहा हो चुका लखवी पहले कई बार अदालत में पेश होने से बच चुका है। जबकि कानून में जमानत पर रिहा किसी आरोपी को अदालत की सुनवाई में पेश होने का प्रावधान है। रिहाई के बाद से लखवी किसी अज्ञात स्थान पर रह रहा है।
नवंबर, 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के मामले में लखवी और छह अन्य आरोपियों पर 2009 में मामले दर्ज किये गये थे। इनमें अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम हैं। निचली अदालत ने मुकदमे में तेजी लाने के लिए हफ्ते में दो बार- बुधवार और गुरुवार को सुनवाई करने का फैसला किया है।