Taliban rejected Pakistan's offer of help Earthquake Victims: जिस तालिबान को पाकिस्तान ने पाल-पोसकर बड़ी उम्मीदों के साथ आगे बढ़ाया था, अब वही उसके भस्मासुर बनता जा रहा है. दोनों के बीच रिश्ते इतने तल्ख हो चुके हैं कि अब तालिबान ने उससे किसी तरह की मदद लेने से भी इनकार कर दिया है. अफगानिस्तान में एक हफ्ता पहले आए भीषण भूकंप के बाद जब पाकिस्तान ने भूकंप पीड़ितों के लिए मदद भेजी तो तालिबान ने उसे साफ तौर पर ठुकरा दिया और कहा कि उसे पाकिस्तान से इस तरह की कोई मदद नहीं चाहिए. 


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पिछले हफ्ते आया जोरदार भूकंप


बताते चलें कि अफगानिस्तान में पिछले शनिवार को 6.3 तीव्रता का भूकंप (Afghanistan Earthquake) आया था. जिसमें कम से कम 1,000 लोग मारे गए थे और कई गांव प्रभावित हुए थे. बुधवार को इस क्षेत्र में एक और भूकंप आने से और भी नुकसान हुआ.


तालिबान ने मदद लेने से किया इनकार


इसके बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने अफगानिस्तान को मदद देने की पेशकश की. पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हक काकर ने आवश्यक सहायता के साथ बचाव और राहत दल भेजने की घोषणा की. लेकिन जैसे ही यह जानकारी तालिबान (Afghan Taliban) को मिली, उसने इस तरह की किसी पाकिस्तानी मदद (Afghanistan Earthquake) को कबूल करने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद बुरी झेंपे पाकिस्तान राहत की खेप और बचाव दल को अफगानिस्तान नहीं भेजा.


सामने आई तकरार की वजह


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार इस बारे में दोनों ही पक्षों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि TTP को लेकर पाकिस्तान- अफगानिस्तान में चल रहा तनाव इसकी वजह हो सकता है. अखबार के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से बचाव और राहत दल नहीं भेजने की मुख्य वजह अफगान तालिबान (Afghan Taliban) की ओर से उन्हें स्वीकार करने की अनिच्छा थी.


टीटीपी ने कर रखा है नाक में दम


पाकिस्तान (Pakistan) ने अपने देश में बढ़ते टीटीपी के हमलों के बाद अफगान तालिबान (Afghan Taliban) से उस पर नकेल कसने की मांग की थी. जब तालिबान ने इस पर कोई सकारात्मक रिस्पांस नहीं दिया तो पाकिस्तान ने बिना वीजा के रह रहे 17 लाख अफगान प्रवासियों को डिपोर्ट करने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही अफगानों के लिए कठोर वीजा नीति और अफगान आयात पर प्रतिबंध जैसे कदम उठाए गए, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक जटिल हो गए. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन संबंधों में और दरार आ सकती है और पाकिस्तान में उग्रवादियों के हमले बढ़ सकते हैं. 


(एजेंसी ANI)