Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में भूकंप के बाद जनजीवन बेहाल है. मरने वालों की संख्या 1,000 से ऊपर पहुंच गई है. बुरी तरह प्रभावित प्रांतों में मातम पसरा हुआ है. सूचना संस्कृति विभाग के प्रमुख मोहम्मद अमीन हुजैफा ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. लोग कब्र के बाद कब्र खोद रहे हैं.


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बदतर होते जा रहे हालात


पहाड़ी क्षेत्र में 5.9 तीव्रता के भूकंप ने लोगों का बसेरा उजाड़ दिया है. पूर्व क्षेत्र के इलाकों में लोगों के लिए यह भूकंप तबाही लेकर आया है. तालिबान के सत्ता में आने के बाद यहां लोग पहले से ही कठिन जीवन जी रहे थे. भूकंप के बाद यहां के हालात और भी बदतर हो गए हैं.



पहाड़ी क्षेत्रों में भीषण तबाही


पहाड़ों में दुर्गम क्षेत्रों को लेकर नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने चेतावनी दी है कि यहां लोगों के मरने की संख्या और भी बढ़ सकती है. सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो क्लिप में दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में बुरी तरह क्षतिग्रस्त मिट्टी के घरों को दिखाया गया है. कुछ फुटेज में स्थानीय निवासियों को पीड़ितों को सैन्य हेलीकॉप्टर से ले जाते दिखाया गया है.



यूरोपीय संघ ने मदद की पेशकश की


तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी अनस हक्कानी ने ट्वीट किया कि सरकार अपनी क्षमताओं के हिसाब से काम कर रही है. हमें उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और सहायता एजेंसियां ​​भी इस विकट स्थिति में हमारे लोगों की मदद करेंगी. संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने मदद की पेशकश की है.


 


अफगानिस्तान में बना रहता है भूकंप का खतरा


अफगानिस्तान के लिए यूरोपीय संघ के विशेष दूत टॉमस निकलासन ने ट्वीट किया कि ईयू स्थिति की निगरानी कर रहा है और प्रभावित लोगों और समुदायों को यूरोपीय संघ की आपातकालीन सहायता प्रदान करने और समन्वय करने के लिए तैयार है. बता दें कि अफगानिस्तान अक्सर भूकंप की चपेट में आता रहता है. विशेष रूप से हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है.



पहले भी तबाही मचा चुका है भूकंप


जनवरी में पश्चिमी प्रांत बडघिस के ग्रामीण इलाकों में आए दो भूकंपों में सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए. इस भूकंप में सैकड़ों इमारतें क्षतिग्रस्त हुई थीं. 2015 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान में 7.5-तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप दोनों देशों में 380 से अधिक लोग मारे गए थे. पाकिस्तान में बड़ी संख्या में मौतें हुई थीं.


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