पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे जरदारी को 10 दिन के लिए भेजा गया रिमांड पर
जरदारी (63) और उनकी बहन पर अवैध रूप से हासिल किये गये धन को पाकिस्तान के बाहर भेजने के लिये फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करने का आरोप है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को यहां की एक जवाबदेही अदालत ने मंगलवार 10 दिन की रिमांड में भेज दिया. एक दिन पहले ही उन्हें कई लाख डॉलर के कर चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दिये जाने के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की टीम ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष को गिरफ्तार किया. जरदारी (63) और उनकी बहन पर अवैध रूप से हासिल किये गये धन को पाकिस्तान के बाहर भेजने के लिये फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करने का आरोप है.
एनएबी के अधिकारियों के अनुसार दोनों ने इन कथित फर्जी बैंक खातों की जरिये 15 करोड़ रुपये का लेन देन किया था. फर्जी बैंक खाता मामले में जांच कर रही भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था एनएबी ने रविवार को उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. जवाबदेही ब्यूरो की एक टीम ने शुक्रवार को जरदारी को अदालत में पेश किया था.
अदालत की कार्यवाही के दौरान एनएबी ने अदालत से जरदारी की 14 दिन की रिमांड का अनुरोध किया, जिसका उनके वकील फारुक एच नाइक ने विरोध किया. एनएबी के वकील मुजफ्फर अब्बासी ने अदालत को बताया कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से ये फर्जी बैंक खाते खोले गये.
अब्बासी ने बताया कि जरदारी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच के लिये उनकी रिमांड जरूरी है. जरदारी ने एनएबी की जेल में और अधिक सुविधाओं की मांग की. उन्होंने अपने लिये एक सहायक और चिकित्सा सुविधा देने का भी अनुरोध किया. ‘जिओ टीवी’ की खबर के अनुसार अदालत ने जरदारी को 21 जून को पेश होने का निर्देश दिया है.
सुरक्षा के मकसद से संघीय राजधानी के आस पास करीब 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. 300 पुलिसकर्मी एनएबी मुख्यालय के बाहर तैनात थे जबकि जवाबदेही अदालत की ओर जाने वाली सड़कें हर तरह के यातायात के लिये बंद कर दी गयी थीं.
जरदारी के वहां पहुंचने से पहले डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने पूर्व राष्ट्रपति की मेडिकल जांच की. एनएबी के सूत्रों के अनुसार हिरासत में लिये जाने के लिये जरदारी शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट पाये गये. इस रिपोर्ट को जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश के कक्ष में पेश किया गया. जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे. उन्होंने इन फर्जी खातों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है.