डोनाल्ड ट्रंप की फटकार केे बाद पाकिस्तान के पीएम ने बुलाई `इमरजेंसी मीटिंग`
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दिए गए बयान में यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को `सुरक्षित पनाहगाह` मुहैया कराई. पाकिस्तान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े हमले में ट्रंप यह संकेत देते हुए प्रतीत हुए कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता रोक सकते हैं.
नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान पर गत 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता के बदले अमेरिका को 'झूठ और धोखे' के सिवा कुछ भी नहीं दिए जाने की कड़ी टिप्पणी के बाद पाकिस्तान बेचैनी में है. इसी क्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कई सैन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे. दरअसल, अमेरिका ने पाकिस्तान को 225 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद रोक दी है.
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दिए गए बयान में यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को 'सुरक्षित पनाहगाह' मुहैया कराई. पाकिस्तान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े हमले में ट्रंप यह संकेत देते हुए प्रतीत हुए कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता रोक सकते हैं.
ट्रंप ने कड़े शब्दों वाले ट्वीट में कहा, 'अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तरीके से पाकिस्तान को गत 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख सोचते हुए हमें 'झूठ और धोखे' के अलावा कुछ भी नहीं दिया'. उन्होंने इस वर्ष के अपने पहले ट्वीट में कहा, 'उन्होंने उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराई, जिनके खिलाफ हम बहुत कम मदद के अफगानिस्तान में कार्रवाई करते हैं. अब और नहीं'. यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से किया गया सबसे कड़ा हमला है. उनकी टिप्पणी न्यूयॉर्क टाइम्स की उस खबर के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की अनिच्छा के प्रति अपना असंतोष व्यक्त करते हुए उसे दी जाने वाली 22.5 करोड़ डालर सहायता रोकने पर विचार कर रहा है.
सोमवार को ट्रंप के इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की थी. जियो टीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया था, 'बैठक में ट्रंप के बयान की एक विस्तृत समीक्षा की गई'. उसने कहा कि दोनों नेताओं ने देश की विदेश नीति पर चर्चा की.
आसिफ ने ट्वीट किया, 'हम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट पर इंशाअल्लाह जल्द जवाब देंगे... हम विश्व को सच्चाई बताएंगे.... तथ्यों और गढ़ी कहानी का अंतर बताएंगे'. मंत्री ने कहा, 'हम अमेरिका के उसके (अमेरिका के) लिए और करने की बात से इनकार कर चुके है. हमने ट्रंप प्रशासन को बता दिया है कि हम उसके लिए 'और नहीं करेंगे. और करने का कोई महत्व नहीं है'. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को गत 15 वर्षों में अमेरिका से जो सहायता मिली है उसकी प्रत्येक जानकारी सार्वजनिक करने को तैयार है'.
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप की इस टिप्पणी का बड़ा असर भी दिखा और पाकिस्तान ने मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद नीत जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन को चंदा एकत्रित करने से प्रतिबंधित कर दिया.