Bangladeshi Hindu: `इस्लाम कबूल करें या मौत को गले लगाएं`, US में बैठे जहरीले मुल्ला का बांग्लादेशी हिंदुओं को अल्टीमेटम
Bangladesh News in Hindi: बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सरकार गिरी है, तब से वहां रह रहे लाखों हिंदुओं पर हमलों की बाढ़ आ गई है. अमेरिका में बैठे एक कट्टरपंथी मुल्ला ने बांग्लादेश हिंदुओं को जान बचाने के लिए 2 विकल्प दिए हैं.
American Maulana Threatens Bangladeshi Hindus: अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर. जितना लंबा नाम है, उतनी ही कट्टर सोच है. उसके दिमाग में हिंदू विरोध का जहर इस कदर भरा पड़ा है कि पूछिए मत. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को देखकर इसे खुशी हो रही है. ये शख्स अबू नज्म अमेरिका में रहता है. अंग्रेजी बोलता है और खुद को PhD का छात्र बताता है. किसी बड़े मौलाना की तरह ये आदमी भी माइक पर इस्लाम के बारे में लंबे-लंबे भाषण देता है.
'इस्लाम कबूल करें या मौत को गले लगा लें'
सच तो ये है कि इसका लेक्चर इस्लाम पर कम और कट्टरपंथ पर ज्यादा होता है. अमेरिका में बैठकर इस शख्स ने हिंदुओं के खिलाफ फतवा जारी किया है. इस कट्टरपंथी ने बांग्लादेश के मुसलमानों से अपील की है कि वहां रहने वाले हिंदुओं को मिटा दो. अबू नज्म ने कहा कि हिंदुओं के पास सिर्फ दो विकल्प हैं . या तो वो इस्लाम को कबूल करें नहीं तो तलवार का सामना करें और मौत को गले लगा लें.
कट्टरपंथी अबू नज्म की बांग्लादेशी हिंदुओं को धमकी
सोशल मीडिया पर इसका ये पोस्ट वायरल हो रहा है. मजहब के नाम पर दहशतगर्दी वाली सोच का आलम देखिए. ये आदमी एक तरफ कहता है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर कोई जुल्म नहीं हो रहा और ये सब प्रोपेगेंडा है. वहीं दूसरी ओर हिंदुओं को मिटाने की मुहिम चलाता है. अबू नज्म की मजहबी सनक देखिए.
'मुस्लिम देश में दबकर रहें हिंदू, अपना लुक भी बदलें'
वह बोलता है कि हिंदुओं को मुस्लिम देश में रहते हुए दबकर रहना चाहिए. ये कबूल करके जीना चाहिए कि वो मुसलमानों से बहुत नीचे हैं. इतना ही नहीं, ये हिंदुओं का लुक भी बदलना चाहता है. उसके मुताबिक हिंदुओं को अपने बाल मुंडवा लेने चाहिए और सिर नीचे करके बात करनी चाहिए.
बांग्लादेश के हिंदू दे रहे कड़ा जवाब
अबू नज्म की जहरीली मानसिकता जैसे-जैसे हिंदुओं को पता चल रही है, वो जवाब दे रहे हैं. अबू नज्म जैसे कट्टरपंथी हर देश में फैले हैं. हो सकता है कुछ मुस्लिम मुल्कों में ऐसी कट्टरपंथी सोच को जगह मिल रही हो लेकिन हिंदुस्तान में ऐसे कट्टरपंथियों और ऐसी जहरीली सोच के लिए कोई जगह नहीं है.