वॉशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा है कि अमेरिकी लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भरोसा नहीं करते क्योंकि वे इस बात पर विश्वास नहीं करते कि ट्रंप को 2016 के अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के संबंध रूस से होने के बारे में कुछ नहीं पता है. उनकी इस टिप्पणी से कुछ दिन पहले ही पॉल मैनफोर्ट ने षडयंत्र के आरोपों को स्वीकार कर लिया और चुनाव में रूसी हस्तक्षेप मामले की जांच में सहयोग करने पर सहमति जताई. मैनफोर्ट ट्रंप के पूर्व प्रचार प्रमुख थे. जयपाल अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला हैं.


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उन्होंने रविवार को सीएनएन से कहा कि जब आप इस संबंध में सोचते हैं, यह किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं है बल्कि चुनाव अभियान से संबंधित उच्च सलाहकार, प्रबंधक, उप-प्रबंधक, राष्ट्रपति के निजी वकील का भी मामला है जिन्होंने अपना दोष स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि आपको आश्चर्य होगा कि यह किस प्रकार संभव है कि राष्ट्रपति को कुछ भी नहीं पता हो कि चुनाव अभियान के दौरान क्या हो रहा था. 


ट्रंप के पूर्व सहयेागी मैनफोर्ट ने गुनाह कबूला, मूलर की जांच में सहयोग को तैयार
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व प्रचार प्रमुख पॉल मैनफोर्ट राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के समय रुस के साथ संभावित सांठगांठ की विशेष काउंसल द्वारा जांच में सहयोग के लिए शुक्रवार को राजी हा गये. धनशोधन और अवैध लामबंदी आरोपों पर दूसरी सुनवाई टालने के लिए समझौते के तहत मैनफोर्ट अमेरिका के खिलाफ साजिश और न्याय के रास्ते में बाधा खड़ी करने के संबंध में गुनाह कबूलने पर राजी हो गये. मैनफोर्ट को इस सौदे के तहत दस साल तक की कैद की सजा हो सकती है. 


लाखों डॉलर की रीयल एस्टेट की उनकी चार संपदाएं जब्त की जाएंगी. उन्हें बैंक खातों और जीवन बीमा पॉलिसी से भी हाथ धोना पड़ सकता है. ट्रंप के चुनाव अभियान और रुस के बीच संभावित सांठगांठ की विशेष काउंसल रॉबर्ट मूलर द्वारा जांच का दबाव व्हाइट हाउस पर बढ़ने के बाद यह कदम सामने आया है. इससे वह बड़ी विस्फोटक सुनवाई टल गयी है जो राष्ट्रीय चुनाव से सात हफ्ते पहले की अवधि में राष्ट्रपति और उनकी रिपब्लिकन पार्टी को परेशानी में डाल सकती थी. 


इनपुट भाषा से भी