वॉशिंगटन: चीन को एक और झटका देते हुए भारत, अमेरिका और इजराइल ने मिलकर 5G तकनीक के विकास का फैसला लिया है. इसके लिए सिलिकॉन वैली, बेंगलुरु और तेल अवीव के आईटी हब आपसी सहयोग बढ़ाएंगे.  इस तकनीक का विकास होने पर उसे बाद में तीसरी दुनिया के देशों के साथ भी साझा किया जाएगा.


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भविष्य की तकनीकों पर काम करेंगे तीनों देश
इस अहम घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए यूएस  एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डिवेलपमेंट (USAID) की उप प्रशासक बॉनी ग्लिक ने कहा कि अभी तो बर्फ पिघलने की शुरुआत हुई है. आने वाले वक्त में यह सहयोग और गहरा होता जाएगा. तीनों देश मिलकर भविष्य की तकनीकों पर रिसर्च डिवेलपमेंट करेंगे. 


सिलिकॉन वैली, बेंगलुरु और तेल अवीव बनेंगे बदलाव के वाहक
एक वर्चुअल समिट में बोलते हुए बॉनी ग्लिक ने कहा कि जुलाई में 5G तकनीक पर एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस हुई थी. इस कॉन्फ्रेंस में भारत और इजराइल के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया था. इस बात पर डिस्कस किया गया कि बेंगलुरु, सिलिकॉन वैली और तेल अवीव शहरों ने तकनीक के विकास में काफी ख्याति प्राप्त की है. ऐसे में यदि इन जगहों के विशेषज्ञ 5G और दूसरी तकनीकों के विकास के लिए आपस में जुड़ते हैं तो पूरी दुनिया को इसका बहुत फायदा होगा.


5G तकनीक पर किसी देश का एकाधिकार नहीं  
उन्होंने कहा कि तीनों देश मिलकर काम करेंगे तो दुनिया को विश्वसनीय और सुरक्षित 5G तकनीक देने में अहम भूमिका अदा कर पाएंगे. चीन पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए बॉनी ग्लिक ने कहा कि हम इस तकनीक में किसी भी देश को एकाधिकार बनाने या दूसरे देशों को दबाने का अधिकार नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि तीनों देशों में रक्षा और आर्थिक सहयोग पहले से ही है. ऐसे में तकनीक के क्षेत्र में मिलकर काम करने से वे दुनिया भर के लोगों का जीवन बदल सकते हैं. 


भारतवंशी रंगास्वामी ने शुरू की थी पहल
तीनों देशों को साथ लाने की इस पहल को शुरू करने वाले एम आर रंगास्वामी ने कहा कि तीनों देशों के मिलकर काम करने से हम एक सुरक्षित दुनिया बना पाएंगे. इससे तीसरी दुनिया के देशों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.  बता दें कि पीएम मोदी के 2017 के इजराइल दौरे के दौरान रंगास्वामी ने ही उनके सामने अमेरिका और इजराइल के साथ मिलकर तकनीकी विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद इस संबंध में चीजें धीरे- धीरे आगे बढ़ती जा रही हैं. 


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चमकती भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के हित में


एशिया पैसिफिक इंस्टिटयूट में असिस्टेंट डायरेक्टर निसिम रुबेन ने कहा कि एक मजबूत, समृद्ध और चमकती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था इजराइल, अमेरिका और दुनिया के काफी सारे देशों के हित में है. इस लक्ष्य के लिए भारत को खेती, जल प्रबंधन की तकनीकों पर बहुत काम करना होगा. इस समिट को भारत में इजराइल के राजदूत रॉन मल्का और इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने भी संबोधित किया.


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