Antony Blinken on Gurpatwant Singh Pannun:  न्यूयॉर्क स्थित एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की कोशिश में सीसी-1 नाम के एक शख्स की भूमिका है. उसका संबंध भारत से है. इस तरह के अमेरिकी आरोप के बाद दोनों देशों में तनाव ने जन्म लिया. अमेरिकी सरकार के इस बयान के बाद भारत ने भी साफ कर दिया कि हमारी नीति नहीं है कि हम किसी दूसरे देश के नागरिक की जिंदगी लें. हमने जांच समिति का गठन किया है जो जांच कर रही है. भारत के इस कदम को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन वे उचित बताया. इन सबके बीच व्हाइट हाउस नेशनल सेक्यूरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हम आरोपों और जांच दोनों को गंभीरता से लेते हैं.


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'आरोपों और जांच पर अमेरिका गंभीर'


तेल अवीव के दौरे पर गए एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि भारत सरकार के जांच के फैसले का वो स्वागत करते हैं और आने वाले नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. यह एक कानूनी मसला है जिस पर वो और अधिक कमेंट नहीं कर सकते हैं.वो सिर्फ इतना ही कहना चाहते हैं कि यह गंभीर मसला है. इस विषय को अमेरिकी सरकार ने भारत के सामने उठाया था. उन्होंने कहा कि यह अच्छा लगा कि भारत सरकार ने अमेरिका के कंसर्न को समझा और जांच कराने का निर्णय लिया.वहीं ह्लाइट हाउस नेशनल सेक्यूरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हम सामरिक मोर्चे पर भारत से बेहतर संबंध के हिमायती हैं. इसके साथ ही यह भी कहा कि हम अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश के लगे आरोपों और जांच को गंभीरता से लेते हैं.


क्या है मामला


दरअसल एक खबर आई कि न्यूयार्क स्थित एक अमेरिकी नागरिक को भारत मारने की साजिश रच रहा था. इस योजना में निखिल गुप्ता नाम का एक शख्स शामिल था जिसका एक भारतीय अधिकारी सीसी-1 से संपर्क था. बता दें कि अमेरिका ने सीधे तौर पर गुर पतवंत सिंह पन्नू का नाम नहीं लिया था. लेकिन जिस तरह से उसने न्यूयॉर्क का जिक्र किया उससे जाहिर था कि वो पन्नू का ही जिक्र कर रहा था. बता दें कि खालिस्तानी समर्थर पन्नू न्यूयॉर्क में रहता है और उसे कनाडा की नागरिकता भी हासिल है, पन्नू वो शख्स है जो अमेरिका और कनाडा में भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है.


अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड

सवाल यह है कि क्या आतंकवाद और आतंकी संगठनों के मुद्दे पर अमेरिकी रुख में दोहरापन है, दरअसल अमेरिका एक तरफ तो यह कहता है कि जो कोई भी शख्स या संगठन अमेरिका को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचेगा उसे खत्म करने का विशेषाधिकार उसके पास है. गुर पतवंत सिंह भारत सरकार की नजर में देश विरोधी हरकतों में शामिल है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अधिकार है. भारत ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी देश के नागरिकों को उसकी जमीन पर मारने की नीति में भरोसा नहीं करता है.