जरदारी ने संपत्ति की जानकारी मांगने वाली शीर्ष अदालत के आदेश को दी चुनौती
‘नेशनल रिकन्सिलिएशन आर्डिनेंस’ अक्तूबर 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की सरकार द्वारा लागू किया गया था.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसमें उनकी तथा दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की विदेश में मौजूद संपत्तियों की जानकारी मांगी गई थी. उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘शहीद’’ का अपमान है. ‘डॉन’ ने खबर दी कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष ने मंगलवार को दलील दी कि इस तरह की जानकारियों का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और यह उनके मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.
विदेशी संपत्तियों तथा स्विस खातों सहित बैंक खातों की देना थी जानकारी
शीर्ष अदालत ने 29 अगस्त को विवादित ‘नेशनल रिकन्सिलिएशन आर्डिनेंस’ (एनआरओ) के कारण हुए नुकसान की भरपाई से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए जरदारी से एक हलफनामा दायर करके उनकी, उनकी दिवंगत पत्नी, बच्चों (बिलावल, बख्तावर और असीफा) तथा अन्य आश्रितों की विदेशी संपत्तियों तथा स्विस खातों सहित बैंक खातों की जानकारी देने को कहा था. एनआरओ अक्तूबर 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की सरकार द्वारा लागू किया गया था. अध्यादेश के तहत, नेताओं के खिलाफ मामले वापस ले लिये गये थे, जिससे कई नेताओं के स्वदेश लौटने का रास्ता साफ हुआ था.
‘लॉयर्स फाउंडेशन फॉर जस्टिस’ ने दायर किया था मामला
यह मामला ‘लॉयर्स फाउंडेशन फॉर जस्टिस’ के प्रमुख फिरोज शाह गिलानी ने दायर किया था और 2007 में एनआरओ के कारण सरकारी राजस्व को हुए नुकसान की वसूली की मांग की गई थी. उन्होंने इस मामले में जरदारी, मुशर्रफ और पूर्व अटार्नी जनरल मलिक अब्दुल कयूम को प्रतिवादी बनाया था.
(इनपुट भाषा से)