Bangladesh Violence: बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से जारी हिंसा के बीच बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों का शुक्रिया जताते हुए देश को मौजूदा संकट से निकाल कर आगे बढ़ने की बात कही. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बदले की भावना से कोई काम न करें.  


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बीएनपी की रैली को उन्होंने अस्पताल से ही संबोधित किया. अपने भाषण में 79 वर्षीय जिया ने शांति की अपील की. यह 2018 के बाद जिया का पहला सार्वजनिक भाषण है. ‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक जिया ने उन लोगों को शुक्रिया कहा, जिन्होंने उनके लिए संघर्ष किया और जेल से उनकी रिहाई के लिए दुआ की. 


 



जिया ने कहा कि मुझे अब रिहा कर दिया गया है. मैं उन बहादुर लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने असंभव को संभव बनाने के लिए करो या मरो का संघर्ष किया. यह जीत हमें लूट, भ्रष्टाचार और कुशासन के मलबे से बाहर निकलने की नई संभावना देती है. हमें इस देश को समृद्ध बनाने की जरूरत है. पूर्व प्रधानमंत्री ने युवाओं के हाथ मजबूत करने का सभी से आग्रह करते हुए कहा कि युवा हमारा भविष्य हैं. हमें उनके उस सपने को पूरा करने के लिए एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश का निर्माण करने की जरूरत है, जिसके लिए उन्होंने अपना खून बहाया है... कोई विनाश नहीं, कोई गुस्सा नहीं और कोई बदला नहीं. हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्यार और शांति की आवश्यकता है. 


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जिया को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में 2018 में भ्रष्टाचार के लिए 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच हसीना (76) ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं. जिया वर्तमान में विभिन्न बीमारियों का इलाज करा रही हैं. जिया को हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के हटने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के कार्यकारी आदेश पर रिहा कर दिया गया. जिया दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद थीं. 


हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने 25 मार्च, 2020 को एक कार्यकारी आदेश के जरिए जिया की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें सशर्त रिहाई दी. इसके बाद, सरकार ने आवेदन पर हर छह महीने में उनकी सजा के निलंबन और रिहाई की अवधि को बढ़ाया. बांग्लादेश में दशकों से जिया और हसीना की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है.


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