पुलिस-सेना सबकी कमान, फिर क्यों अपने ही घर में नजरबंद हो गए बांग्लादेशी PM, पड़ोस में अब क्या होने वाला है?
Bangladesh Hindus: बांग्लादेश से जो नई तस्वीरें सामने आ रही हैं, वह खौफजदा कर देने वाली हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये तस्वीर बगावत की है? क्या ये तस्वीर बांग्लादेश में अगले तख्तापलट का ट्रेलर है? इन तस्वीरों की इतनी अहमियत आखिर क्यों है. पहले इसे समझ लीजिए.
Bangladesh Situation: बांग्लादेश में अतंरिम सरकार के मुखिया खुद के ही घर में घेर लिए गए हैं. प्रदर्शनकारियों का एक बार फिर सड़कों पर कब्जा है. हाथों में पोस्टर बैनर लेकर लोग मोहम्मद यूनुस के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. यूनुस जिनके हाथ में पुलिस और सेना की कमान है, वो घर से बाहर नहीं निकल रहे.खुद को घर में ही नजर बंद कर लिया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बांग्लादेश में कुछ बड़ा होने वाला है.
बांग्लादेश से जो नई तस्वीरें सामने आ रही हैं, वह खौफजदा कर देने वाली हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये तस्वीर बगावत की है? क्या ये तस्वीर बांग्लादेश में अगले तख्तापलट का ट्रेलर है? इन तस्वीरों की इतनी अहमियत आखिर क्यों है. पहले इसे समझ लीजिए.
बांग्लादेश की सड़कों पर फिर उमड़ी भीड़
ढाका में जिस जगह से इस वक्त सरकार चल रही है, पूरे बांग्लादेश पर हुकूमत की जा रही है, उस जगह पर भारी भीड़ लगी है. हजारों की भीड़ सड़क पर नारे लगाते हुए आगे बढ़ रही है. इस भीड़ से डरकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे मोहम्मद यूनुस अपने घर में कैद हो गए.
यूनुस को बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं मिला. ऐसा लगा जैसे उन्हें भीड़ ने नजरबंद कर दिया हो. ये भीड़ कैसी है. इस भीड़ में कौन लोग हैं. अब ये भी जान लीजिए. इस भीड़ में सरकारी कर्मचारी, छात्र, महिलाएं और सरकारी एजेंसियों के कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. सुबह 11 बजे से ही प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के घर को घेर लिया.
शेख हसीना का तख्तापलट कर बांग्लादेश में यूनुस ने सरकार की कमान तो संभाल ली. पर देश चलाना उनसे नहीं हो पा रहा है.आज विरोध इतना जबरदस्त था कि यूनुस का काफिला उनके घर से बाहर नहीं आ पाया. सुरक्षाबलों ने काफिला निकालने की कोशिश की. लेकिन वो भी आंदोलनकारियों का मुकाबला नहीं कर पाए.
क्या संसद तक पहुंच जाएंगे प्रदर्शनकारी?
बुधवार को ढाका की यूनिवर्सिटी में हजारों छात्र पहुंचे, नारेबाजी की और आज यूनुस के घर के बाहर प्रदर्शन हुआ. क्या ये प्रदर्शनकारी शुक्रवार तक संसद तक पहुंच जाएंगे.
बांग्लादेश में हर दिन प्रदर्शन का टेंपरेचर बढ़ रहा है. जनता एक बार फिर सड़कों पर हैं. ऐसा लगा रहा है मानो यूनुस से बांग्लादेश नहीं संभल रहा है. 22 अगस्त और 5 अगस्त की तस्वीरें एक जैसी हैं. तब बांग्लादेश की जनता ने शेख हसीना को घेर लिया था और आज वही बर्ताव यूनुस के साथ हुआ है. क्या हसीना की तरह यूनुस को भी देश छोड़ना पड़ेगा.
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार तो बना ली, लेकिन प्रदर्शनकारी सड़कों से वापस नहीं लौटे हैं. छात्र, सरकारी कर्मचारी और सरकारी एजेंसियों से जुड़े लोग आंदोलन कर रहे हैं. हालात इतने खराब हो गये कि मोहम्मद यूनुस खुद अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे.लगता है मानो बांग्लादेश में 5 अगस्त वाले हालात एक बार फिर लौट आए हैं.
मोहम्मद यूनुस चौतरफा मुसीबतों में घिरते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ सड़कों पर प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश चलाने के लिए यूनुस के पास पैसा नहीं है. बांग्लादेश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी करोड़ों का घाटा हुआ है.
वर्ल्ड बैंक से सरकार ने मांगे 1 बिलियन डॉलर
सरकार वर्ल्ड बैंक से 1 बिलियन डॉलर का कर्ज मांग रही है. महंगाई पिछले 13 सालों में सबसे ज्यादा है. ऐसे हालात में यूनुस कितने दिनों तक देश को संभाल सकेंगे, ये कहना अभी मुश्किल है. अब आपको बांग्लादेश में तख्तापलट की कहानी में पर्दे के पीछे खेल करने वाले किरदार से मिलवाते हैं. इसमें बांग्लादेश के चीनी राजदूत यायो वेन और मिर्जा फखरुल इस्लाम, जो BNP के जनरल सेक्रेटरी हैं, शामिल हैं. दावा है कि मोहम्मद यूनुस से ज्यादा पावरफुल बांग्लादेश में कोई है, तो वो मिर्जा फखरूल इस्लाम ही हैं. बांग्लादेश में बिगड़ते हालातों के बीच वो ही चीन के साथ भी डील कर रहे हैं.
बांग्लादेश में तख्तापलट वाली कहानी का अभी THE END नहीं हुआ है बल्कि अभी बहुत कुछ होना बाकी है. एक तरफ शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी की खबरें आ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार चलाने में यूनुस लाचार दिखाई दे रहे हैं. सड़कों पर संग्राम है और संकट से बचने के लिये यूनुस को कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा. क्या बांग्लादेश में कुछ बड़ा होने वाला है.