Bangladesh Violence: बांग्‍लादेश की सरकार हिंदुओं की आवाज दबाने के लिए, उन पर अत्‍याचार करने के लिए हर पैंतरा आजमाती नजर आ रही है. अब बांग्‍लादेश ने 70 वकीलों और पत्रकारों पर झूठे केस दर्ज कर दिए हैं, ताकि वे हिंदुओं के हक में आवाज ना उठा सकें. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने चटगांव के 70 अल्पसंख्यक वकीलों और 2 पत्रकारों के खिलाफ 'झूठे और परेशान करने वाले केस' दर्ज होने पर हैरानी और चिंता जाहिर की है.  


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2 भिक्षु गिरफ्तार, इस्‍कॉन सेंटर पर हमला


इस बीच इस्कॉन कोलकाता ने 2 हिंदू भिक्षुओं और 1 अन्य की गिरफ्तारी की बात कही है. साथ ही यह भी कहा है कि एक और  इस्कॉन सेंटर पर हमला किया गया है.


हिंदू व अल्पसंख्यक पत्रकारों और वकीलों के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. जिसमें इन पर देशी बम विस्फोट करने और वाहनों में तोड़फोड़ करने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.


बांग्‍लादेश कह रहा यह 'मानवाधिकारों' का उल्‍लंघन


जो बांग्‍लादेश बीते कई दिनों से हिंदुओं पर लगातार जुल्‍म ढा रहा है, उनके मानवाधिकारों को कुचल रहा है, गर्भवती महिलाओं तक की हत्‍या कर रहा है. उसने इन वकील और पत्रकारों पर मानवाधिकारों और कानून के शासन का उल्लंघन करने की बात कही है.


इस्‍कॉन पुजारी चिन्‍मय दास के मामले को दबाने की कोशिश


परिषद ने कहा है कि यह केस पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले को बाधित करने और इससे जुड़े समाचारों के प्रकाशन-प्रसार को जबरन रोकने के गुप्त इरादे से दायर किए गए हैं. परिषद ने मांग की है कि बांग्लादेशी सरकार और कानून प्रवर्तन अधिकारी तुरंत झूठे मामले को वापस लें. साथ ही वकीलों और पत्रकारों को रिहा करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.


चिन्‍मय दास से मिलने गए भिक्षु गिरफ्तार


इससे पहले इस्कॉन कोलकाता ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने दो भिक्षुओं, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी, के साथ-साथ चिन्मय कृष्ण दास के सचिव को भी गिरफ्तार किया है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन ने कहा कि भिक्षुओं को शुक्रवार को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया जब वे चिन्मय कृष्ण दास से मिलने के बाद घर जा रहे थे.  बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. (आईएएनएस)