Flexible Working in Britain: कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम से सबक लेते हुए ब्रिटेन सरकार और वहां की कंपनियां अब काम को वर्क फ्रॉम होम करने पर ज्यादा जोर दे रही हैं. इसी कड़ी में कई बड़े फैसले पिछले कुछ दिनों में लिए भी गए हैं. अब एक और बड़ा फैसला वहां की सरकार ने लिया है. दरअसल, ब्रिटेन में नौकरी करने वाले लोग अब सोमवार से लागू किए सरकारी योजनाओं के तहत जॉब के पहले दिन से फ्लेक्सिबल एंप्लॉयीमेंट का अनुरोध कर सकेंगे. बता दें कि यह फैसला तब लिया गया है जब पहले से ही लाखों कर्मचारी कोरोना की वजह से हफ्ते में कई दिन घर से ही काम कर रहे हैं.


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स्टाफ के साथ-साथ कंपनी को ऐसे होगा फायदा


एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि, ‘अब लाखों कर्मचारी अपने रोजगार के पहले दिन से ही फ्लेक्सिबल काम करने का अनुरोध कर सकेंगे, नई सरकार की योजना फ्लेक्सिबल वर्क को डिफ़ॉल्ट बनाने की है.’ यहां यह जानना भी जरूरी है कि फ्लेक्सिबल काम का मतलब केवल घर और ऑफिस से काम करने का कॉम्बिनेशन नहीं है. इसका मतलब यह भी हो सकता है कि कोई कर्मचारी नौकरी साझा करे, फ्लेक्सिटाइम का उपयोग करे, या फिर वर्किंग आवर्स में कुछ बदलाव चाहता है. प्रधानमंत्री ऋषि सनक का मानना है कि इस फॉर्मूले को ज्यादा से ज्यादा लोग पसंद करेंगे और इससे प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी. बयान में कहा गया है, इस फैसले से ‘कर्मचारियों को अपने काम और घरेलू जीवन को संतुलित करने में मदद मिलेगी. विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह काफी उपोयगी होगा जिनके घर में मबच्चे, बुजुर्ग या कमजोर हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है.


दूसरे दलों ने भी किया फैसले का स्वागत


TUC के महासचिव फ्रांसेस ओ'ग्रेडी ने इस खबर का स्वागत करते हुए कहा कि बदलाव से ‘श्रमिकों को नौकरी के पहले दिन से ही लचीले ढंग से काम करने का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए - न कि केवल पूछने का अधिकार.’ इस बीच अधिक लचीलापन महिलाओं को उच्च वेतन अर्जित करने में मदद कर सकता है.


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