Giant Cement Company lafarge Connection with IS: फ्रांसीसी सीमेंट कंपनी लाफार्ज ने आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट को 1.7 करोड़ डॉलर देने के आरोपों को मंगलवार को स्वीकार कर लिया. कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसने इस्लामिक स्टेट को यह धनराशि इसलिए दी ताकि सीरिया में एक संयंत्र चालू रह सके. न्याय विभाग ने इसे अपनी तरह का पहला मामला बताया है.


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क्या है पूरा मामला


बता दें कि अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया था कि फ्रांस की सीमेंट कंपनी लाफार्ज और इसकी सीरियाई सहायक लाफार्ज सीमेंट (Lafarge Cement) सीरिया ने बिचौलियों के माध्यम से इस्लामिक स्टेट और अल नुसरा फ्रंट को 1.7 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था. यह भुगतान गृह युद्ध के दौरान किया गया था. इसी मामले में अमेरिकी न्याय विभाग ने लाफार्ज पर 77.8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इस मामले में अब लाफार्ज ने जुर्माना देना स्वीकार कर लिया है. कंपनी का कहना है कि उसने 2013 और 2014 में अपने सीरियाई सीमेंट कारखाने को चालू रखने के लिए बिचौलियों को लगभग 13 मिलियन यूरो (12.8 मिलियन डॉलर) का भुगतान किया, जब तक कि अन्य फर्मों ने उसे देश से बाहर नहीं निकाला.


ये हैं अभियोजकों के आरोप


अभियोजकों ने इल्जाम लगाया है कि लाफार्ज ने आतंकी समूह की करतूतों पर पूरी तरह से आंख मूंदकर उसे 2013 और 2014 में मोटी रकम दी थी.  इस्लामिक स्टेट का सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा था और उसके कुछ मेंबर पश्चिमी देशों के अपहृत किए गए नागरिकों को प्रताड़ित करने या उनका सिर कलम करने में शामिल थे. न्यूयॉर्क शहर की एक संघीय अदालत में आरोप तय किए गए हैं. फ्रांस के प्राधिकारियों ने भी इन आरोपों की जांच की है. हालांकि, अमेरिकी अभियोजकों ने कहा कि लाफार्ज ने आखिरकार सितंबर 2014 में सीमेंट संयंत्र को खाली कर दिया था. उस वक्त, इस्लामिक स्टेट ने शेष सीमेंट पर कब्जा कर लिया और इसे 3.21 डॉलर मिलियन के बराबर में बेच दिया था.



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