भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रच दिया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला वह पहला देश बन गया है. इसके चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश भी बन गया है.


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‘भारत, मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया और आप भी!’  चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान 3 से इसरो के बेंगलुरु मुख्यालय को संदेश आया.


दुनिया भर की मीडिया ने भारत की इस सफलता को प्रमुखता से कवर किया. कई बड़े अखबरों ने इसे अपनी हेडलाइन बनाया.  हैं विदेशी मीडिया ने इस एतिहासिक घटना को कैसी कवरेज दी.


दी न्यू यॉर्क टाइम्स  (The New York Times)


हेडलाइन: लेटेस्ट मून रेस में, भारत दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र सबसे पहले पहुंचा (In Latest Moon Race, India Lands First in Southern Polar Region)


NYT ने अपनी स्टोरी में क्या कहा:
‘भारतीय जनता पहले से ही देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर बहुत गर्व करती है, जिसने चंद्रमा और मंगल ग्रह की परिक्रमा की है और नियमित रूप से अन्य देशों की तुलना में बहुत कम वित्तीय संसाधनों के साथ पृथ्वी के ऊपर उपग्रहों को लॉन्च किया है. लेकिन चंद्रयान-3 की उपलब्धि इससे भी मीठी है.’


सीएनएन (CNN)


हेडलाइन: भारत ने चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग की


CNN ने अपनी स्टोरी में क्या कहा:
‘रूस के असफल लूना 25 लैंडिंग प्रयास के बाद से भारत का मिशन और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. चंद्रयान-3 की सफलता के साथ, भारत 21वीं सदी में चीन के बाद चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला दूसरा देश बन गया.


 


द वाशिंगटन पोस्ट (The Washington Post)


हेडलाइन: भारत ने चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारा


अपनी स्टोरी में क्या कहा:
‘चंद्रयान -3 मिशन की सफल लैंडिंग अंतरिक्ष में बढ़ती महत्वाकांक्षाओं वाले देश के लिए एक जीत है और 1 अरब से अधिक लोगों के देश में इसका जश्न मनाया गया.’


बीबीसी


हेडलाइन: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 के उतरते ही भारत ने रच दिया इतिहास


अपनी स्टोरी में क्या कहा:


‘यह भारत के लिए एक बड़ा क्षण है - और यह उन्हें अंतरिक्ष महाशक्ति की सूची में ऊपर उठाता है. चंद्रमा पर उतरना बहुत आसान नहीं है - जैसा कि इस सप्ताह रूस के प्रयास ने उजागर किया है - और कई मिशन भी विफल रहे हैं, जिनमें भारत का पहला प्रयास भी शामिल है. लेकिन यह दूसरी बार भाग्यशाली रहा, और भारत अब तीन अन्य देशों - अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन – के साथ शामिल हो गया है, जिन्होंने चंद्रमा की सतह को सफलतापूर्वक छुआ है. और भारत अब उस क्षेत्र का पता लगाने के लिए तैयार है जहां कोई अन्य अंतरिक्ष यान नहीं गया है - चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव.'


द गार्डियन (The Guardian)


हेडलाइन: भारत ने ऐतिहासिक रूप से पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारा


अपनी स्टोरी में क्या कहा:
‘सफल लैंडिंग भारत के एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरने का प्रतीक है क्योंकि सरकार निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपण और संबंधित उपग्रह-आधारित व्यवसायों में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है.’