काबुल: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर भी कब्जा कर लिया है. इसी के साथ अफगान में तालिबान शासन का रास्ता साफ हो गया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने कुछ करीबियों के साथ मुल्क छोड़कर चले गए हैं. शुरुआत में उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) के भी विदेश जाने की खबर थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है. सालेह ने कहा है कि वो अपने देश में ही हैं. वहीं, राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace of Afghanistan) पर कब्जा जमा चुके तालिबान लड़ाकों की पहली तस्वीर सामने आई है.


Airport पर बस स्टैंड जैसा नजारा


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राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace of Afghanistan) में तालिबानी लड़ाके हथियारों के साथ नजर आ रहे हैं. उधर, तालिबान के क्रूर शासन के डर से अफगानिस्तान के लोग पलायन करने को मजबूर हैं. हवाईअड्डे (Kabul International Airport) पर बस स्टैंड जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. भारी तादाद में लोग वहां पहुंच रहे हैं. एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच जैसा कुछ नहीं है. काबुल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट आयशा अहमदी ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि हवाईअड्डे के बाहर गोलीबारी हो रही है.  



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Amrullah Saleh ने किया Tweet


अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने ट्वीट करके देश छोड़ने की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने लिखा है, ‘अभी भी अपनी भूमि पर, अपने लोगों के साथ हूं. कारण और उद्देश्य के लिए, सच्चाई के प्रति ठोस विश्वास के साथ पाकिस्तान समर्थित दमनकारियों और तानाशाहों (तालिबान) के खिलाफ’. दूसरी तरफ, अमेरिकी दूतावास से कर्मियों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर आसमान में उड़ान भरते दिखाई दिए हैं. हवाईअड्डे पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को हवाई फायर भी करने पड़े. सैनिक ह्यूमन शील्ड बनाकर खड़े हैं ताकि उनके विमान को कोई नुकसान न पहुंचे. फिलहाल अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है और 6000 सैनिक उतारने की तैयारी में है.





‘हम सिर पीट रहे हैं और वे भाग गए’   


वहीं, अफगान के हाल पर भारत स्थित अफगानी दूतावास की तरफ से कई तीखे ट्वीट किए थे. इन ट्वीट में राष्ट्रपति सहित उनके कुछ करीबियों को निशाना बनाया गया था. एक ट्वीट में लिखा था, 'हम सब शर्म से सिर पीट रहे हैं और गनी बाबा अपने बदमाशों के साथ भाग गए. उन्होंने सब कुछ बर्बाद कर दिया. भगोड़े की सेवा करने के लिए हम सभी से क्षमा चाहते हैं. अल्लाह गद्दार को सजा दे! उनकी विरासत हमारे इतिहास पर एक धब्बा होगी’. दूसरे ट्वीट में राष्ट्रपति कार्यालय के डायरेक्टर और अशरफ गनी के खास जनरल फजल फजली पर हमला करते हुए बीबीसी की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें चरित्रहीन दर्शाया गया था. हालांकि बाद में सभी ट्वीट डिलीट कर दिए गए और दूतावास के प्रेस सचिव ने अकाउंट हैक होने की बात कही. Abdulhaq Azad ने कहा कि मैं एंबेसी के अकाउंट में लॉग इन नहीं कर पा रहा हूं, शायद उसे हैक कर लिया गया है. 


Kabul से पहले इन 26 प्रांतों पर कब्जा 


राजधानी काबुल पर कब्जा करने से पहले तालिबान ने 26 प्रांतों को अपना बना लिया है. अल-जजीरा के अफगान ब्यूरो के अनुसार, लड़ाकों ने 6 अगस्त को निमरोज -6 अगस्त, 7 अगस्त को जोज्जान, 8 अगस्त को तखर, कुंदुज, सर-ए-पोल, 8 अगस्त को समांगन,- 10 अगस्त को फराह, बगलान, 11 अगस्त को बदख्शां, 12 अगस्त को गजनी, हेरात, कंधार, 13 अगस्त को बड़गी, हेलमंद, जाबुल, उरुजगन, लोगर, घोर, 14 अगस्त को बल्ख, 15 अगस्त को पक्तिया, दयाकुंडी, वरदक, कुनार, लगमन, खोस्त और नंगरहार पर कब्जा किया.