बीजिंग: चीन ने मंगलवार (14 मार्च) को कहा कि उसे उम्मीद है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के पूर्ण सदस्य बनने के लिए तैयार भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिये आपसी विश्वास बढ़ा सकते हैं और संबंधों में सुधार कर सकते हैं. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी और दक्षिण एशिया के अहम देश हैं. चीन को उम्मीद है कि और अधिक बातचीत के जरिये भारत तथा पाकिस्तान आपसी विश्वास बढ़ा सकते हैं और रिश्तों में सुधार कर सकते हैं. यह ना केवल दोनों देशों के अनुकूल है बल्कि क्षेत्रीय समृद्धि और विकास के लिए भी अनुकूल है.’ 


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उन्होंने कहा कि चीन को यह भी उम्मीद है कि बीजिंग के नेतृत्व वाले एससीओ सुरक्षा समूह में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने से क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बढ़ेगी. हुआ ने कहा कि मौजूदा समय में सभी पक्ष भारत और पाकिस्तान को शामिल करने के लिए ताशकंद में गत वर्ष एससीओ सम्मेलन में हस्ताक्षर किये गये दायित्वों के ज्ञापन के अनुसार संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं.


एससीओ मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग जैसे सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर केन्द्रित है. इसका मुख्यालय बीजिंग में है और चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके पूर्ण सदस्य हैं. अफगानिस्तान, बेलारूस, भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान को ‘पर्यवेक्षक’ का दर्जा प्राप्त हैं. भारत और पाकिस्तान के इसका सदस्य बनने से एससीओ में दुनिया की 40 फीसदी आबादी रखने वाले देश शामिल हो जाएंगे.