नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शनिवार को आसियान देशों के सदस्यों के इस बयान का स्वागत किया कि दक्षिण चीन सागर विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप हल किया जाना चाहिए और कहा कि चीन को दक्षिण चीन सागर को अपना समुद्री साम्राज्य मानने की अनुमति नहीं दी जा सकती.


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पोम्पियो ने ट्वीट किया कि- 'संयुक्त राज्य अमेरिका ASEAN नेताओं के इस आग्रह का स्वागत करता है कि दक्षिण चीन सागर के विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप सुलझाया जाना चाहिए, जिसमें UNCLOS (समुद्री कानून के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) भी शामिल है. चीन को SCS को अपना समुद्री साम्राज्य मानने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हम इस विषय पर जल्द ही और भी बहुत कुछ कहेंगे.'


शुक्रवार को 36वें आसियान शिखर सम्मेलन के बाद ब्लॉक के सदस्यों द्वारा बयान जारी किया गया. ब्लॉक के सदस्यों ने दक्षिण चीन सागर में मौजूदा स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की.



आसियान नेताओं ने दक्षिण चीन सागर पर शांति, सुरक्षा, स्थिरता, रक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता और SCS पर उड़ान को बढ़ावा देने और 1982 UNCLOS समेत दक्षिण चीन सागर में काम करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के महत्व पर बल दिया. आसियान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण चीन सागर में जारी सैन्य गतिविधियों का संचालन विवादों को जटिल या और बढ़ाएगा तथा शांति एवं स्थिरता को प्रभावित करेगा. इसलिए ऐसे कार्यों से बचें जो स्थिति को और जटिल कर सकते हैं.


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बयान में ये भी कहा गया कि- '1982 के UNCLOS समेत अंतरराष्ट्रीय कानून के सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त सिद्धांतों के अनुसार विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करना होगा.'

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दक्षिण चीन सागर में कई द्वीपों और क्षेत्रों पर बीजिंग ने अपना हक जताया है. लेकिन इंडोनेशिया, फिलीपींस और ब्रुनेई समेत अन्य देशों ने भी इस क्षेत्र में अपने दावे पेश किए हैं. इससे पहले, पोम्पियो ने 2 जून को ट्वीट किया था कि चीन के 'गैरकानूनी दक्षिण चीन सागर समुद्री दावों' का विरोध करने के लिए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को एक पत्र भेजा है.