बीजिंग: चीन ने सोमवार (20 नवंबर) को पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य जनरल के आरोपों को खारिज कर दिया कि भारत ने 50 करोड़ डॉलर की लागत से एक विशेष खुफिया प्रकोष्ठ का गठन किया है ताकि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरीडोर (सीपीईसी) में बाधा डाली जा सके. चीन ने कहा कि उसके पास इस तरह की कोई खबर नहीं है. पाकिस्तान के ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के जनरल जुबैर महमूद हयात ने 14 नवम्बर को आरोप लगाया था कि भारत क्षेत्र में ‘‘अराजकता’’ फैला रहा है.


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उन्होंने आरोप लगाए कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रॉ ने सीपीईसी में बाधा डालने के लिए 50 करोड़ डॉलर की लागत से एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया है. उन्होंने भारत पर अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवाद को हवा देने के भी आरोप लगाए.


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु किंग ने आरोपों के बारे में पूछने पर कहा, ‘‘हमारे पास इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं है.’’ भारत के खिलाफ आरोपों से चीन का इंकार काफी महत्व रखता है क्योंकि बीजिंग और इस्लामाबाद के रिश्ते ‘‘काफी मजबूत’’ माने जाते हैं.


सीपीईसी के पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने पर भारत की आपत्तियों की तरफ इशारा करते हुए लु ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सीपीईसी को क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ज्यादा समर्थन और मान्यता मिलेगी.’’


पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारी रॉ पर सीपीईसी को बाधित करने के आरोप लगाते रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों को बलूचिस्तान राष्ट्रवादी बलों के साथ ही बलूचिस्तान प्रांत में इस्लामिक स्टेट के कई हमलों का सामना करना पड़ा था. सीपीईसी चीन के अशांत शिनजियांग प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.