Fansi Ki Saza: दुनिया में अकसर मौत की सजा को लेकर बहस होती रहती है. आज भी दुनिया में करीब 55 देश ऐसे हैं, जहां फांसी की सजा का प्रावधान है, जिनमें भारत भी शामिल है. 9 देश ऐसे हैं, जहां गंभीर मामलों के लिए फांसी पर लटका दिया जाता है. 23 देशों में मौत की सजा का प्रावधान है लेकिन पिछले 10 साल में किसी को फांसी पर लटकाया नहीं गया है.


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अमेरिका में एक शख्स को नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत की सजा दी गई थी. जबकि जापान में 36 लोगों को जलाकर मारने वाले शख्स को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के किस देश में सबसे ज्यादा मौत की सजा दी जाती है. अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं. 


चीन फांसी देने में सबसे आगे!


एमनेस्टी इंटरनेशनल के आंकड़ों की मानें तो सबसे ज्यादा मौत की सजा भारत के पड़ोसी देश चीन में दी जाती है. हर साल हजारों लोगों को चीन मौत के घाट उतार देता है. चूंकि चीन अपने आंकड़े सार्वजनिक नहीं करता है इसलिए सटीक आंकड़ा बता पाना मुश्किल है. वहीं पाकिस्तान भी मौत की सजा देने में काफी आगे है.


चीन के अलावा, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 2022 में दुनिया भर में 883 लोगों को फांसी दिए जाने का आंकड़ा दर्ज किया, जो 2017 के बाद से सबसे ज़्यादा संख्या है. हालांकि, यह 1988, 1989 या 2015 के आंकड़ों से काफी कम है, जब एक ही साल में 1,500 से ज्यादा लोगों को फांसी दी गई थी.


ईरान भी देत है मौत की सजा


एमनेस्टी इंटरनेशनल का यह भी कहना है कि 2022 में 52 देशों में कम से कम 2,016 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई. विश्व स्तर पर 2022 के अंत तक कम से कम 28,282 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई. कई कैदी अपनी फांसी से पहले कई साल या दशकों तक मौत की सज़ा काटते हैं. वर्ष 2022 में बीस देशों में लोगों को मृत्युदंड दिया गया, जबकि साल 2021 में यह संख्या 18 थी.


एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, चीन के बाद सबसे ज्यादा मौत की सजा देने वाला देश है ईरान. यहां 576 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी गई थी. इसके बाद सऊदी अरब (196), इजिप्ट (24), अमेरिका (18), सिंगापुर (11), इराक (11 से ज्यादा), कुवैत (7), सोमालिया (6 से ज्यादा) और साउथ सूडान (5 से ज्यादा) शामिल हैं.


एमनेस्टी का कहना है कि साल 2022 में ईरान ने कम से कम तीन सार्वजनिक फांसी दी थीं. ईरान ने 18 वर्ष से कम उम्र में किए गए अपराधों के लिए कम से कम पांच लोगों को फांसी दी है.


एमनेस्टी की रिपोर्ट के मुताबिक 11 देश ऐसे हैं, जो हर साल लोगों को फांसी देते हैं. ये देश हैं- चीन, इजिप्ट, ईरान, इराक, सऊदी अरब, अमेरिका, वियतनाम और यमन. एमनेस्टी के मुताबिक नॉर्थ कोरिया भी लगातार लोगों को फांसी की सजा देता रहता है. लेकिन आंकड़ा मालूम कर पाना मुश्किल है. 


लिस्ट में पाकिस्तान भी पीछे नहीं


वहीं पाकिस्तान भी विश्व में सबसे ज्यादा मौत की सजा देने वाले देशों में शामिल है. वैश्विक स्तर पर मौत की सजा का सामना कर रहे कैदियों में 26 प्रतिशत पाकिस्तान में हैं. कानूनी कार्रवाई समूह ‘जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान’ (जेपीपी) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि 2024 में कुल 6,161 कैदी मौत की सजा का सामना कर रहे हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 6,039 थी.


यह संख्या पहले के रुझानों से अलग है, जब 2022 में मौत की सजा का सामना कर रहे लोगों की संख्या 3,226 थी. लाहौर के गैर सरकारी संगठन ने 22 वें विश्व मृत्युदंड विरोधी दिवस पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट का तीसरा संस्करण जारी किया है, जिसका शीर्षक है ‘पाकिस्तान में मृत्युदंड : मृत्युदंड का डेटा विश्लेषण’. इस तरह के कैदियों की सबसे अधिक संख्या 2,505 पंजाब प्रांत में है, जिसके बाद 2,311 कैदी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हैं. 


जेपीपी के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान मृत्युदंड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले देशों में एक है. आंकड़ों में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर मौत की सजा का सामना कर रहे कैदियों में 26 प्रतिशत पाकिस्तान में हैं. जेपीपी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में मृत्युदंड पाने वालों का आंकड़ा पूरी दुनिया का 13 प्रतिशत है. गैर सरकारी संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 2004 से अब तक पाकिस्तान में कम से कम 4,500 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है, यानी औसतन प्रत्येक दिन एक व्यक्ति को अदालत ने यह सजा सुनाई. दुनिया भर में, अदालतों द्वारा मौत की सजा सुनाये जाने वाला हर सातवां व्यक्ति और विश्व भर में मृत्युदंड पाने वाला हर आठवां व्यक्ति पाकिस्तानी है.


(पीटीआई इनपुट के साथ)