Gaza News: इजरायल-हमास युद्ध के कारण गाजा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय रहा है. गाजा से दुख-दर्द-यातना की अनगिनत कहानियां सामने आ चुकी हैं. हाल ही में गाजा से छूटी एक यजीदी महिला ने आतंकियों के भयावह बर्ताव का खुलासा किया है. ये कहानी इजरायल-हमास युद्ध से वास्ता नहीं रखती लेकिन इसका सीधा कनेक्शन आतंकियों से है. आइये आपको बताते हैं ISIS आतंकी संगठन की यातना झेल चुकीं इराक की रहने वाली फवजिया अमीन सिदो की दर्दभरी कहानी के बारे में..  


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हजारों लोग मारे गए, बच्चों-महिलाओं को बना लिया बंधक


इराक के सिंजार क्षेत्र की रहने वाली यजीदी महिला फवजिया अमीन सिदो जब 9 साल की थीं तब उन्हें और उनके छोटे भाइयों को ISIS ने बंधक बना लिया था. 2014 में ISIS ने यजीदी समुदाय पर बड़ा हमला किया था. जिसमें हजारों लोग मारे गए और कई महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया गया.


तब फवजिया केवल 9 साल की थीं


फवजिया ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म डाइरेक्टर एलन डंकन से अपना ISIS की कैद के दिनों का भयावह अनुभव साझा किया है. उन्होंने जो कुछ भी बताया, वह केवल भयानक ही नहीं था बल्कि मानवता के प्रति एक बड़ा सवाल भी उठाता है. 2014 में जब ISIS ने यजीदी समुदाय पर क्रूर हमले शुरू किए, तब फवजिया केवल 9 साल की थीं. इस हमले के दौरान ISIS ने हजारों यजीदी लोगों का सामूहिक नरसंहार किया और अनगिनत महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया.


बच्चों का मांस पकाकर खिलाया..


फवजिया ने बताया कि ISIS ने कैदियों को खाने में मीट दिया था. खाते वक्त सभी ने इस भोजन को सामान्य समझा था. लेकिन जब ISIS ने खुलासा किया कि यह मांस यजीदी बच्चों का था, तो यह सुनकर सभी कैदियों के बीच आतंक फैल गया. उन्होंने कहा, "हमें बताया गया कि यह बच्चों का मांस है. खाने के बाद कई लोगों को पेट में दर्द हुआ और एक महिला को दिल का दौरा पड़ा." 


लगभग 5000 यजीदी मारे गए


बच्चों का मांस परोसे जाने की बात ने न केवल उनके शरीर को प्रभावित किया, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला. कई महिलाओं ने अपने लापता बच्चों की तस्वीरें देखीं, जिससे उनमें भयावह भावनाएं जाग उठीं और उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया. प्राचीन धार्मिक अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय 2014 में ISIS के भयानक जनसंहार का शिकार बना. इस हमले में लगभग 5,000 यजीदी मारे गए और हजारों अन्य लापता हो गए. 


महिलाओं को यौन दासता में डाल दिया


ISIS ने महिलाओं को यौन दासता में डाल दिया. बच्चों को बाल सैनिकों के रूप में प्रशिक्षित किया और समुदाय के लोगों को बेदखल करने का काम किया. फवजिया को गाजा से इजरायली रक्षा बलों और अमेरिकी दूतावास ने बचाया. फवजिया अब सुरक्षित रूप से अपने घर लौट चुकी हैं. वे इराक के सिंजार में अपने परिवार के साथ हैं.


यजीदी समुदाय के लिए निरंतर खतरा बना हुआ है ISIS


बता दें कि ISIS को कुछ हद तक कमजोर कर दिया गया है. लेकिन संगठन अभी भी पश्चिम एशिया और अफ्रीका में सक्रिय है, जो यजीदी समुदाय के लिए निरंतर खतरा बना हुआ है. यजीदी लोगों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन और कार्यकर्ता इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस नरसंहार को याद रखे और उन यजीदी परिवारों की मदद करे, जो अभी भी अपने खोए हुए सदस्यों की तलाश कर रहे हैं.