कोविड की उत्पत्ति: `भानुमती का पिटारा आखिर किसने खोला?` जानकार का अनोखा दावा
विज्ञान के जानकार वेड ने कहा, ‘वुहान चीन के मुख्य कोरोना वायरस रिसर्च सेंटर का घर है, जहां रिसर्चर मानव कोशिकाओं पर हमला करने के लिए चमगादड़ संबंधी कोरोना वायरस बना रहे थे.’ उन्होंने कहा कि वे बिना किसी सिक्योरिटी अरेंजमेंट के ऐसा कर रहे थे और यदि सार्स 2 का संक्रमण वहां से अप्रत्याशित रूप से फैला, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
वॉशिंगटन: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने भारत में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. चीन पर इस महामारी को फैलाने के आरोप लगते आए हैं. हालांकि चीन इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है. यहां तक कि चीन ने अपने उन डॉक्टरों और वैज्ञानिकों तक को गायब कर दिया जिन्होंने ये दावा किया कि कोरोना वायरस वुहान के वायरोलॉजी लैब से निकला है. इस बीच विज्ञान संबंधी मामलों पर लिखने वाले जाने-माने ब्रिटेन के लेखक और संपादक निकोलस वेड ने भी कोरोना वायरस को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है.
निकोलस वेड ने कहा कि चीन के ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ के रिसर्चर कोरोना वायरस से मानव कोशिकाओं और मानवकृत चूहों को संक्रमित करने के लिए प्रयोग कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि इसी प्रकार के प्रयोग के कारण कोविड-19 जैसे वायरस के पैदा होने की आशंका है.
'भानुमती का पिटारा किसने खोला'
वेड ने इस महीने की शुरुआत में प्रतिष्ठित ‘बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ में प्रकाशित ‘कोविड की उत्पत्ति: वुहान में भानुमती का पिटारा लोगों ने खोला या प्रकृति ने?’ शीर्षक वाले लेख में सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर कई सवाल उठाए.
बता दें कि कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में वुहान से फैलना शुरू हुआ था और यह वैश्विक महामारी बन गया.
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चीन के खिलाफ सबूत नहीं
वेड ने कहा कि सबूत इस आशंका को पुख्ता करते हैं कि यह वायरस एक प्रयोगशाला में पैदा किया गया, जहां से वह फैल गया. वेड ने कहा, ‘लेकिन इसकी पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है.’
वायरस की उत्पत्ति को लेकर अनुमान
उन्होंने कहा कि कई लोग जानते हैं कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर दो मुख्य अनुमान जताए जा रहे हैं- एक अनुमान यह है कि यह वन्यजीवों से मनुष्यों में प्राकृतिक रूप से आया. दूसरा अनुमान यह है कि इस वायरस पर किसी प्रयोगशाला में अध्ययन किया जा रहा था, जहां से वह फैल गया.
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चीन ने चमगादड़ों से फैलाया वायरस
वेड ने कहा, ‘वुहान चीन के मुख्य कोरोना वायरस रिसर्च सेंटर का घर है, जहां रिसर्चर मानव कोशिकाओं पर हमला करने के लिए चमगादड़ संबंधी कोरोना वायरस बना रहे थे.’ उन्होंने कहा कि वे बिना किसी सिक्योरिटी अरेंजमेंट के ऐसा कर रहे थे और यदि सार्स 2 का संक्रमण वहां से अप्रत्याशित रूप से फैला, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
वुहान लैब से ही फैला कोरोना वायरस!
वेड ने कहा, ‘इस बात के दस्तावेजी सबूत हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर मानव कोशिकाओं और मानवीकृत चूहों को कोरोना वायरस से संक्रमित करने के लिए ‘गेन ऑफ फंक्शन’ प्रयोग कर रहे थे. इसी प्रकार के प्रयोग से सार्स2 जैसा वायरस पैदा हुआ होगा. रिसर्चरों का इन वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण नहीं हुआ था और वे न्यूनतम सुरक्षा प्रबंधों के बीच काम कर रहे थे, इसलिए वायरस का वहां से फैलना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी वुहान संस्थान के पास से फैली.
बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई लोग यह आशंका जता चुके हैं कि वायरस चीन की किसी प्रयोगशाला से फैला.