Muslim Population in World: इस्लाम (Islam) दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. साल 2022 के एक अनुमान के मुताबिक दुनिया की 25 प्रतिशत आबादी मुस्लिम (Muslim Population) है. करीब 1.97 बिलियन लोग इस्लाम को मानते हैं. लेकिन विश्व में दो देश ऐसे भी हैं, जहां मुसलमान तो रहते हैं लेकिन वहां मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं है. वर्षों से इन देशों में रह रहे मुसलमान मस्जिद निर्माण की मांग करते रहे हैं लेकिन सरकार ही इसकी इजाजत नहीं देती. दिलचस्प बात है कि ये दोनों ही देश नए हैं. यहां मुसलमानों की आबादी भी कम है. वे किसी कल्चरल सेंटर या फिर फ्लैट में नमाज अता करते हैं. 


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ये देश हैं स्लोवाकिया (slovakia), जो चेकोस्लोवाकिया से अलग होकर बना है, जबकि दूसरा देश है इस्तोनिया. पहले बात करते हैं इस्तोनिया की. यहां 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल 1508 मुस्लिम यहां रहते हैं. यह वहां की आबादी का 0.14 प्रतिशत है. लेकिन अब तक इस जनसंख्या में इजाफा जरूर हुआ होगा. मगर संख्या बेहद कम है. 


इन देशों में नहीं है मस्जिद


इस्तोनिया (Estonia) में कोई मस्जिद नहीं है. एक इस्लामिक सेंटर है, जहां जमा होकर मुस्लिम नमाज अता करते हैं. इस देश में अजेरी और सुन्नी तातार मुस्लिम निवासी हैं. ये किसी जमाने में रूस की सेना में थे. यहां सुन्नी और शिया समुदाय के लोग साथ ही मिलकर नमाज पढ़ लेते हैं. ये किसी कॉमन फ्लैट में जमा होते हैं. यहां के मुस्लिमों को मॉडरेट माना जाता है. 


बता दें कि साल 1940 के आसपास सोवियत संघ में इस्तोनिया का विलय हुआ था. जब वह 1991 में टूटा तो इसने खुद को अलग देश घोषित कर दिया. अब ये यूरोपियन यूनियन का मेंबर है और काफी खुशहाल देशों में इसका नंबर आता है. 


दूसरी ओर स्लोवाकिया में साल 2010 में मुस्लिमों की आबादी करीब 5 हजार थी. यानी कुल आबादी का 0.1 प्रतिशत. 17वीं सदी के आसपास जो मुस्लिम यहां आए वो उइगर या तुर्क थे. ये इस देश के मध्य और दक्षिणी हिस्से में बस गए. पहले इसको यूगोस्लाविया कहा जाता था. लेकिन अलग होने के बाद ये स्लोवाकिया कहलाए जाने लगा. यहां साल 2010 में भी इस्लामिक सेंटर बनने पर बहुत विवाद हुआ था. 


मुस्लिम शरणार्थियों को नहीं दी थी इजाजत


साल 2015 में जब शरणार्थियों का प्रवास यूरोप के सामने एक बड़ा मुद्दा था, जब 200 ईसाइयों ने स्लोवाकिया में शरण पाई थी. लेकिन इस देश ने मुस्लिमों को शरण देने से इनकार कर दिया था. उनके विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मुस्लिमों के लिए यहां कोई इबादरघर नहीं है. लिहाजा उनको शरण देने से समस्याएं पैदा हो सकती हैं. साल 2016 में स्लोवाकिया ने एक कानून पास किया था, जिसमें कहा गया कि इस देश में इस्लाम को कभी धर्म के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. 


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