भारत आना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप, चीन जाने का भी है मन, सिपहसालारों को दे दिया प्लान बनाने का फरमान

India US Relation: ट्रंप ने पदभार संभालने के बाद भारत और चीन की संभावित यात्राओं को लेकर अपने सलाहकारों के साथ चर्चा की है. भारत के संदर्भ में भी ट्रंप ने अपनी संभावित यात्रा को लेकर अलग से चर्चा की है.
Donald Trump India Visit: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ग्रहण चर्चा में है. इसी बीच जानकारी आई है कि ट्रंप ने पदभार संभालने के बाद भारत और चीन की संभावित यात्राओं को लेकर अपने सलाहकारों के साथ चर्चा की है. ट्रंप चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से बीजिंग की यात्रा करना चाहते हैं. साथ ही वे भारत भी आना चाहते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी, जिससे दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.
भारत के संदर्भ में भी..
दरअसल, द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपने सलाहकारों से कहा है कि वह शी के साथ वार्ता के जरिए रिश्तों को एक नई दिशा देना चाहते हैं. भारत के संदर्भ में भी ट्रंप ने अपनी संभावित यात्रा को लेकर चर्चा की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले माह क्रिसमस के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर की वाशिंगटन यात्रा के दौरान इस बारे में प्राथमिक बातचीत हुई थी.
अमेरिका-चीन संबंधों में नए अध्याय की तैयारी
इन सबके बीच शपथ से पहले चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ट्रंप को बधाई देते हुए फोन पर बातचीत की और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया. शी ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच सहयोग और आपसी सम्मान से दुनिया को लाभ होगा. उन्होंने ताइवान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अमेरिका से सावधानी बरतने की उम्मीद भी जताई.
ट्रंप ने शी चिनफिंग के साथ बेहतर रिश्ते बनाए रखने की बात कही और जल्द ही उनसे मुलाकात की इच्छा व्यक्त की. दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.
शपथ ग्रहण में ऐतिहासिक बाइबल का इस्तेमाल
इधर डोनाल्ड ट्रंप अपने शपथ ग्रहण समारोह में अपनी मां द्वारा दी गई बाइबल और ऐतिहासिक लिंकन बाइबल का इस्तेमाल करेंगे. यह बाइबल अमेरिकी इतिहास और परंपरा का प्रतीक मानी जाती है. लिंकन बाइबल का इस्तेमाल 1861 में पहली बार अब्राहम लिंकन के शपथ ग्रहण में हुआ था. फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप के आगामी भारत और चीन दौरे से वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय जुड़ने की संभावना है. अब देखना है दोनों देश इसे कितना भुना पाएंगे. एजेंसी इनपुट