नई दिल्ली: फारस की खाड़ी में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका और ईरान दोनों ने मंगलवार को कहा कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि उनका देश किसी भी हमले का करारा जवाब देगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फ्लोरिडा में प्रचार अभियान के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, 'ईरान के साथ काफी कुछ चल रहा है. देखते हैं क्या होता है. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हम पूरी तरह तैयार हैं'. 


गौरतलब है कि ट्रंप की इस टिप्पणी से कुछ ही घंटे पहले उनके कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानहान ने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक दिन पहले ही शानहान ने ईरान को काबू में रखने के लिए 1,000 अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया भेजने का फैसला किया था.


फ्लोरिडा स्थित अमेरिकी केन्द्रीय कमान का मंगलवार को दौरा करने के बाद विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि ईरान से उत्पन्न किसी भी चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका सभी जरूरी कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा कि ईरान की ओर से अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाए जाने या अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों में दिक्कतें पैदा होने की स्थिति में उनसे निपटने के लिए अमेरिका तैयार है.


विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप सिर्फ ईरानी खतरे से बचाव सुनिश्चित करना चाहते हैं. वह कोई युद्ध नहीं चाहते, और हम यह संदेश देना जारी रखेंगे. हम सिर्फ क्षेत्र में अमेरिकी हितों की रक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं. पोम्पिओ का कहना है कि वह खाड़ी में सैन्य अभियानों के लिए जिम्मेदार कमांडरों से मिलने गए थे ताकि अमेरिकी कूटनीतिक और सामरिक क्षेत्रों में समन्वय बना रहे और वह सही कदम उठा सकें.


ऊधर ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी का भी कहना है, 'हम किसी देश के साथ युद्ध नहीं छेड़ेंगे' लेकिन ईरान के लोग अमेरिका के दबाव और क्षेत्र में अस्थिरता के खिलाफ जरूर खड़े होंगे. ईरान ने सोमवार को कहा था कि वह जल्दी ही यूरेनियम संवर्द्धन का काम शुरू कर सकता है और उसे हथियारों में इस्तेमाल के काबिल बनाने से सिर्फ एक कदम पीछे रूकेगा. यह ट्रंप के उन आश्वासनों के लिए सीधी चुनौती है कि परमाणु समझौते से अमेरिका का हटना दुनिया को सुरक्षित बनाता है.