US Presidential Election 2024: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से निचली अदालत के फैसले को निलंबित करने की अपील की है. बता दें निचली अदालत ने चुनाव हस्तक्षेप मामले में दिए अपने फैसले में कहा था कि ट्रंप के उनके पास केस से बचने की प्रेसिडेंशियल छूट नहीं है.


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हालांकि ट्रंप ने यह दावा किया राष्ट्रपति के रूप में किए गए कामों के लिए उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.


निचली अदालत के तीन जजों ने ट्रंप के दावों से असहमति जताते हुए फैसला सुनाया कि उस पर किसी भी अन्य नागरिक की तरह केस चलाया जा सकता है. 


ट्रंप के वकीलों के क्या दी है दलील?
हालांकि ट्रम्प के वकीलों की दलील है कि चुनाव अभियान के दौरान उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए.


ट्रम्प के वकीलों ने फाइलिंग में लिखा, 'चुनावी मौसम के चरम पर ट्रंप के खिलाफ एक महीने तक चलने वाले आपराधिक मुकदमा से पूर्व राष्ट्रपति की राष्ट्रपति बाइडेन के खिलाफ प्रचार करने की क्षमता मौलिक रूप से बाधित हो जाएगी.'


आगे क्या हो सकता है?
सुप्रीम कोर्ट अब यह तय करेगा कि क्या वह ट्रंप को अपील करने की अनुमति देने के लिए निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाए या नहीं.


कंजरवेटिव-बहुमत वाली सुप्रीम कोर्ट अगर ट्रंप की अपील स्वीकार करती है तो उनके खिलाफ आपराधिक मामले में लंबी देरी होगी जो नवंबर चुनाव के बाद तक जा सकती है.


यदि सुप्रीम कोर्ट फैसले पर रोक लगाने से इनकार करता है, तो जज तान्या चुटकन की देखरेख में संघीय मुकदमा निर्धारित किया जाएगा. बता दें ट्रंप पर आरोप है कि ट्रंप ने 2020 के चुनाव को पलटने की अवैध रूप से साजिश रची.


ट्रंप एक बार फिर से राषट्रपति बनने की कोशिशों में है. उन्हें इस केस के अलावा तीन अन्य आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है।


ट्रंप की कानूनी टीम ने भी 2024 के चुनाव के बाद तक उनके आपराधिक मुकदमों को टालने की कोशिशों में लगी है.