India-Russia: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध भले ही ‘शानदार’ न हों लेकिन दोनों के बीच रिश्ते स्थिर हैं. उन्होंने आशा जताई कि रूस एशिया पर अधिक ध्यान देगा क्योंकि पश्चिम के साथ उसके रिश्ते ‘टूट गये’ हैं. जयशंकर ने प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उनसे यूक्रेन में चल रही लड़ाई के बीच रूस के साथ भारत के संबंध के बारे में सवाल किया गया था.


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विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले 70 सालों में हर बड़े अंतरराष्ट्रीय संबंध में उतार-चढ़ाव नजर आए हैं लेकिन भारत और रूस के बीच संबंध काफी हद तक स्थिर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'भारत, रूस बहुत असाधारण हैं. यह संबंध शानदार नहीं हो सकता है. इसलिए, यह एक निश्चित स्तर पर स्थिर हो सकता है.'


रूस के पश्चिम के साथ संबंध टूट गए हैं’
यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण दुनिया के साथ रूस के संबंधों पर टिप्पणी करते हुए, जयशंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यूक्रेन में जो कुछ चल रहा है, उसके परिणामस्वरूप, यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि कई मायनों में रूस के पश्चिम के साथ संबंध टूट गए हैं और उस मामले में, यह तर्कसंगत है कि रूस अपने एशियाई पक्ष पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा, हालांकि ऐतिहासिक रूप से रूस ने हमेशा खुद को एक यूरोपीय शक्ति के रूप में देखा है.'


विदेश मंत्री रूस को लेकर की यह भविष्यवाणी
जयशंकर ने कहा, 'मैं रूस की भविष्यवाणी करूंगा, जो जानबूझकर यूरोप से दूर, संयुक्त राज्य अमेरिका से दूर, गैर-पश्चिमी दुनिया पर ध्यान केंद्रित करेगा, एशिया पर अधिक ध्यान देगा, संभवतः अन्य क्षेत्रों पर भी, लेकिन एशिया आर्थिक रूप से सबसे अधिक सक्रिय है.' उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है, उसके परिणामस्वरूप रूस का ‘पुनर्निर्माण" हो रहा है.


( एजेंसी इनपुट के साथ)