Virus Transmission Study: मानव जाति को प्रभावित करने वाली कुछ सबसे घातक बीमारियां उन पैथजन (Pathogens) से आई हैं जो जानवरों से मनुष्यों में पहुंचे हैं। उदाहरण के लिए, एड्स का कारण बनने वाला वायरस चिंपैंजी से आया है। और कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस वायरस के कारण कोविड-19 महामारी फैली, वह चमगादड़ से आया. लेकिन क्या यह आदान-प्रदान एक तरफा है?


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रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक नए अध्ययन से पता चलता है, यह आदान-प्रदान एकतरफा नहीं रहा है. सभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वायरल जीनोम अनुक्रमों के विश्लेषण से आश्चर्यजनक परिणाम मिले - जानवर जितने वायरस हम देते हैं उसके मुकाबले मनुष्य लगभग दोगुने वायरस उन्हें देते हैं. 


12 मिलियन वायरस जीनोम का विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने लगभग 12 मिलियन वायरस जीनोम को देखा और वायरस की एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में कूदने के लगभग 3,000 उदाहरणों का पता लगाया. उनमें से 79% में एक वायरस एक पशु प्रजाति से दूसरी पशु प्रजाति में जा रहा था. 


बाकी 21 फीसदी में मनुष्य शामिल थे. इनमें से 64 % मानव-से-पशु ट्रांसमिशन था, जिसे एंथ्रोपोनोसिस (Anthroponosis) के रूप में जाना जाता है. 36% पशु-से-मानव ट्रांसमिशन था जिसे ज़ूनोसिस (Zoonosis) कहा जाता है. 


एन्थ्रोपोनोसिस से प्रभावित जानवरों में कुत्ते और बिल्ली शामिल हैं. इसके अलावा- पालतू जानवरों में -  सूअर, घोड़े और मवेशी, मुर्गी और बत्तख जैसे पक्षी, शामिल हैं. इसके अलावा - चिंपैंजी, गोरिल्ला और हाउलर बंदर जैसे प्राइमेट शामिल है. इसके अलावा रैकून, काले-गुच्छेदार मार्मोसेट और अफ़्रीकी नरम बालों वाले चूहे भी इसमें आते हैं. विशेष रूप से जंगली जानवरों में अन्य तुलना में मानव-से-पशु ट्रांसमिशन होने की अधिक संभावना है. 


(Photo: Symbolic)