USA: अमेठी के आरिफ द्वारा सारस पक्षी को अपने घर पर रखना महंगा पड़ गया था. इस मामले में फॉरेस्ट के अधिकारियों ने वन जीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था. वहीं अमेरिका के कई राज्य ऐसे हैं, जहां पर दुनिया के सबसे खतरनाक कहे जाने वाले जानवर शेर और चीता को लोग घरों में पालते हैं. यही नहीं यहां पर जंगलों से ज्यादा लोगों के घरों में जंगली जानवर आपको देखने को मिलेंगे. अमेरिका के कई राज्यों में इसे अच्छा तो नहीं माना गया है लेकिन इन्हें पालने पर भी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है. संयुक्त अरब अमीरात में एक से बढ़कर एक पैसे वाले लोग वहां रहते हैं। उनकी रईसी को जानने के लिए महंगी गाड़ी या बंगला नहीं देखा जाता है, बल्कि उनके घर पर शेर और चीते देखे जाते हैं. ये लोग शेर और चीतों के साथ वॉक पर जाते हैं. 2016 अक्टूबर में दुबई के एक बीच में कारों के काफिले के साथ 5 चीतों की तस्वीर सामने आई थी. ये चीते पालतू थे और अपने मालिकों के साथ यहां पर लग्जरी कार में सवार होकर आए थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक करोड़ से ज्यादा का है जुर्माना
साल 2017 की शुरुआत में यूएई में हर तरह के जंगली जानवरों को घरों में रखने पर रोक लगा दी गई थी. इन जानवरों को चिड़ियाघर नेशनल पार्क्स, सर्कस या फिर रिसर्च सेंटर में रखने की इजाजत थी. वन जीव संरक्षण अधिनियम के तहत घर में इन जानवरों को रखने पर एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना या 6 महीने की जेल या फिर दोनों हो सकती है. अधिनियम में ये भी कहा गया है कि अगर जंगली जानवरों को घर पर रखने वाला कोई शख्स दूसरों को डराता है तो जुर्माने की रकम और बढ़ा दी जाएगी.


पाकिस्तान में भी है चलन
पाकिस्तान में शेर और चीते पालने का बड़ा चलन था. राजनेता और बड़ी-बड़ी हस्तियां अक्सर शेर चीतों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डाला करते थे. साल 2009 में नवाज शरीफ के भांजे सलमान शाहबाज ने सरकार से इजाजत मांगी कि वह कनाडा से साइबेरियाई शेर मंगवा कर अपने बंगले पर रख सके. तब उनके पिता शाहबाज शरीफ सरकार में बड़े पद पर थे. परमिट जारी करने की बात मीडिया पर आई तो हल्ला मच गया, जिसके बाद कन्वेंशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेजर्ड स्पीशीज ने भी इस मामले में दखल दी. आखिरकार शेर मंगवाना डालना पड़ गया और जो पुराने चीते पाले थे. उन्हें भी चिड़ियाघर भेजना पड़ा.


चुनाव प्रचार में शेर चीतों की लगती थी प्रदर्शनी
चुनाव प्रचार के दौरान यहां पर अक्सर शेर चीतों की प्रदर्शनी लगती थी. ये चीते नेताओं के घर के होते थे. इस्लामाबाद वाइल्डलाइफ ऑर्डिनेंस 1979 के तहत किसी भी जंगली जानवर को पकड़ना और मारना वर्जित है. ऑर्डिनेंस में 1 लंबी लिस्ट है, इसमें साफ लिखा है कि कौन-कौन से पशु पक्षी प्रोडक्ट है. इसमें सारस, हंस से लेकर हिरण और बाघ भी शामिल है, लेकिन शेर और चीते के लिए इसमें कोई बात नहीं है. साल 2021 में खुद पाकिस्तान के मीडिया डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में माना था कि इस पर बहुत काम की जरूरत है.


फोटो खिंचवाने के लिए कैफे में रखते हैं जंगली जानवर
थाईलैंड से भी कई बार जंगली जानवरों को घर पर पालतू बनाकर रखने का मुद्दा उठ चुका है. वहां पर एग्जॉटिक एनिमल कैफे हैं. जहां लोमड़ी, ऊदबिलाव जैसे बड़े-बड़े जंगली जानवर को रखा जाता है. वहां पर आने वाले लोग उन्हें छू सकते हैं और तस्वीर खिंचवा सकते हैं, लेकिन इससे पहले उन्हें कम से कम इतनी कीमत की डिस खरीदनी पड़ेगी. एनिमल एक्टिविटीज इस तरह के कैफे को कई बार बंद भी कर चुका है.


अमेरिका में पालतू शेर ज्यादा
अमेरिका के कई राज्यों में जंगली शेर कम मगर पालतू शेर बहुत है. इसमें चीते से लेकर सल्वाडोर तक शामिल है. बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट बताती है कि वहां के लगभग 12 स्टेट में 5000 से ज्यादा चीतें घरों में रखे हुए हैं. वहीं वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के मुताबिक जंगलों में रहने वाले बाघों की संख्या घटकर 4000 से कम हो चुकी है. 15 अमेरिकी राज्यों में लोमड़ी अभी घरों में पाली जा सकती हैं. इसके लिए कोई भी कानून नहीं है. वहीं इक्वाडोर देश में जंगली जानवरों के लिए कोई भी कानूनी अधिकार नहीं है.


भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं