जिनेवा: कोरोना से निपटने के लिए पहली वैक्सीन बना लेने के रूस के दावे के बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने कहा है कि रूस से कोविड-19 की इस वैक्सीन पर चर्चा’ चल रही थी. व्लादिमीर पुतिन के ये ऐलान करते ही कि रूस ने कोरोना के खिलाफ पहली वैक्सीन बना ली है, WHO का ये बयान आया है.


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यूनाइटेड नेशंस की इस हेल्थ एजेंसी के प्रवक्ता तारिक जसारेविक के मुताबिक, ‘हम रूसी हेल्थ अथॉरिटीज के साथ करीबी सम्पर्क में हैं, वैक्सीन से संबंधित डब्ल्यूएचओ की संभावित प्री-क्वालिफिकेशन को लेकर बातचीत हो रही है.’


जसारेविक ने आगे कहा, 'किसी भी वैक्सीन की प्री-क्वालिफिकेशन में जरूरत के सभी सुरक्षा औऱ क्षमता डाटा की कठोर समीक्षा और मूल्यांकन शामिल है. इस वैक्सीन को रूस की गमेल्या रिसर्च इंस्टीट्यूट ने देश की डिफेंस फोर्स के साथ मिलकर तैयार किया है. हर देश मे एक नियामक संस्था होती है, जो उसके क्षेत्र में किसी भी वैक्सीन और दवाई के इस्तेमाल को इजाजत देती है.'


जसारेविक ने कहा कि WHO ने वैक्सीन ही नहीं दवाइयों के लिए भी एक प्री-क्वालिफिकेशन की प्रक्रिया बनाई है. दवाई और वैक्सीन निर्माताओं से WHO की प्री-क्वालिफिकेशन लेने के लिए इसलिए कहा जाता है क्योंकि एक तरह से ये गुणवत्ता की मुहर है.


इसे पाने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा और क्षमता डाटा की समीक्षा की जाती है, जो क्लीनिकल ट्रायल्स के जरिए इकट्ठा किया जाता है. WHO किसी की भी वैक्सीन के लिए ऐसा ही करेगा.


वैक्सीन प्रोजेक्ट को फाइनांस करने वाले रूसी डायरेक्टर इंवेस्टमेंट फंड के मुखिया किरिल दमित्रिव ने बताया कि फेज 3 का ट्रायल बुधवार से शुरू हो जाएगा और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन अगले महीने से शुरू होगा.


WHO के तारिक जसारेविक का कहना है कि इस तेजी से वह काफी उत्साहित हैं जो कि कई सारे देश वैक्सीन बनाने में दिखा रहे हैं लेकिन चेतावनी भी दी कि प्रक्रिया में तेजी लाने का मतलब ये नहीं कि सुरक्षा पर समझौता कर लिया जाए.


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