नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सोमवार को डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन (Mette Frederiksen) के साथ वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन करेंगे. कोराना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच किसी भी वैश्विक नेता के साथ पीएम मोदी का यह चौथा वर्चुअल शिखर सम्मेलन है. 


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अब तक उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ और श्रीलंका के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की है. विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा बयान के अनुसार, भारत-डेनमार्क द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक लिंक, लोकतांत्रिक परंपराओं में समानता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता की साझा इच्छा पर आधारित हैं. भारत-डेनमार्क के बीच वर्चुअल मीटिंग के दो अहम मुद्दे होंगे. पहला दो देशों के बीच बौद्धिक संपदा सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर. और दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होना.


मिलेगी नई राजनीतिक दिशा
वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन दोनों नेताओं को दोनों देशों के बीच समय-परीक्षण के अनुकूल संबंधों के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक ढांचे की व्यापक रूप से समीक्षा करने का अवसर देगा. आपसी हित के प्रमुख मुद्दों पर सहयोगात्मक साझेदारी को मजबूत और गहरा किया. साथ ही आपसी हित के प्रमुख मुद्दों पर एक मजबूत और गहरी सहयोगात्मक साझेदारी के लिए व्यापक राजनीतिक दिशा मिलेगा.


दोनों देशों के बीच बढ़ा Goods & Service का व्यापार
भारत और डेनमार्क के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 30.49 प्रतिशत बढ़ गया है. 2016 में 2.82 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2019 में 3.68 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है. भारत में लगभग 200 डेनिश कंपनियों ने निवेश किया है जबकि डेनमार्क में 25 भारतीय कंपनियां आईटी, अक्षय ऊर्जा और इंजीनियरिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं.


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