जकार्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया में तीन चर्चों पर हाल में हुए आतंकवादी हमलों की बुधवार (30 मई) को कड़ी निंदा की और उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जकार्ता के साथ मजबूती से खड़ा है. मोदी ने राष्ट्रपति जोको विदोदो से बातचीत के बाद एक बयान में कहा, ‘‘मित्रों, मैं इंडोनेशिया में हाल के हमलों में निर्दोष नागरिकों की मौत से दुखी हूं. भारत ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इंडोनेशिया के साथ है.’’


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देश के दूसरे सबसे बड़े शहर सुराबाया में इस महीने की शुरुआत में छह आत्मघाती हमलावरों ने तीन चर्चों को निशाना बनाया. इसमें कम से कम सात लोग मारे गए और समन्वित हमलों में 40 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए. पिछले 18 वर्षों में चर्चों पर यह सबसे बड़ा हमला था.



मोदी ने कहा, ‘‘ऐसी दुखद घटनाएं एक संदेश देती है कि यह समय की जरुरत है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक स्तर पर प्रयास मजबूत किए जाएं.’’ दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया पिछले दो दशक में इस्लामिक आतंकवाद और ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा से संघर्ष कर रहा है.


VIDEO: इंडोनेशिया में PM मोदी ने पतंगबाजी में आजमाए हाथ, आसमान में नजर आया रामायण-महाभारत


वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने जर्काता के ‘नेशनल मॉन्यूमेन्ट’ में पहली बार आयोजित संयुक्त ‘पतंग प्रदर्शनी’ का उद्घाटन कर पतंगबाजी में हाथ आजमाया. प्रदर्शनी भारत के महाकाव्यों ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ की थीम पर आधारित है. भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत सभ्यताकालीन संबंधों को दर्शाने वाली ‘पतंग प्रदर्शनी’ में दोनों नेताओं ने पतंगबाजी भी की.


विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ की थीम पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन दोनों नेताओं ने एकसाथ किया.’’ बयान में कहा गया, ‘‘दोनों नेताओं ने जर्काता के लयांग - लयांग संग्रहालय और अहमदाबाद के पतंग संग्रहालय के बीच हुए समझौते का स्वागत किया. साथ ही दोनों ने जर्काता के ‘नेशनल मॉन्यूमेन्ट’ में रामायण और महाभारत की थीम पर आधारित पहली संयुक्त पतंग प्रदर्शनी की सराहना भी की.’’


पीएम मोदी ने सैन्य कब्रगाह में शहीदों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की आजादी के संघर्ष के शहीदों को बुधवार (30 मई) को श्रद्धांजलि देकर अपनी यात्रा की शुरुआत की. उन्होंने यहां कलीबाता नेशनल हीरोज सिमेट्री में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. दक्षिण जकार्ता में कलीबाता हीरोज सिमेट्री इंडोनेशिया में सैनिकों की कब्रगाह है. इसे वर्ष 1953 में बनाया गया था और नवंबर 1954 में यहां पहली बार किसी को दफनाया गया था. इंडोनेशिया की आजादी की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों समेत उस लड़ाई में भाग लेने वाले 7,000 से ज्यादा लोगों को इस कब्रगाह में दफनाया गया है.