Hindu Nation in World: दुनिया में इस्लामिक देशों की संख्या सबसे ज्यादा है. यानी ऐसे देश जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. बात अगर हिंदू धर्म की करें तो इस धर्म के सबसे ज्यादा लोग भारत, फिर नेपाल और बांग्लादेश में रहते हैं. वैसे तो ब्रिटेन और अमेरिका में भी हिंदुओं की संख्या कम नहीं हैं, ये वो लोग हैं जो भारत या नेपाल से जाकर इन देशों में बस गए. पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया में भारत से बाहर एक ऐसा भी देश है जो यूं तो मुस्लिम देश है, लेकिन वहां के का एक राज्य ऐसा है जहां 97 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है. ये लोग किसी देश से आकर भी नहीं बसे हैं. ये लोग पहली या दूसरी सदी से ही यहां रह रहे हैं.


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सन 1500 में मुस्लिम राजाओं ने जमाया कब्जा 


हम जिस देश की बात कर रहे हैं वो इंडोनेशिया है. यहां बाली द्वीप पर हिंदुओं की संख्या ही सबसे ज्यादा है. जावा के पूर्व में स्थित इस द्वीप का नाम काफी पुराना है. 1500 साल पहले इंडोनेशिया में मजापहित हिन्दू साम्राज्य था. इस साम्राज्य को गिराने के बाद मुसलमान सुलतानों ने यहां कब्जा कर लिया. इसके बाद जावा और अन्य द्वीपों के अभिजात-वर्गीय बाली भाग आए. आज से करीब 100 साल पहले बाली में हिंदू राजा ही राज करते थे. ये तब स्वतंत्र था. इसके बाद यहां डचों का कब्जा हुआ.


यहां हर फील्ड में हिंदू आगे


बाली के 97 पर्सेंट लोग हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं. इस हिस्से में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो पूरी दुनिया में मशहूर हैं. यहां की कला, संगीत, नृत्य और मन्दिर सीधे दिल में उतरते हैं. बाली की राजधानी देनपसार नगर है. बाली की अर्थव्यवस्था से लेकर अहम बिजनेस संस्थानों तक पर हिंदुओं का योगदान सबसे अधिक है. बाली में रामायण और महाभारत को लोग खूब पढ़ते हैं. यहां के बहुसंख्यक हिंदू जीववाद ( animism), पूर्वज पूजा या पितृ पक्ष और बोधिसत्व पर ज्यादा फोकस करते हैं.


राजा बलि के नाम पर पड़ा इसका नाम


बाली द्वीप के नाम को लेकर भी एक धार्मिक कहानी है. बताया जाता है कि यह नाम पुराणों में वर्णित पाताल देश के राजा बलि के नाम पर रखा गया है. यहां के मंदिरों में भगवान गणेश, शिवलिंग और बुद्ध की मूर्तियां आपको नजर आएंगी. इतिहासकार बताते हैं कि चौथी, पांचवीं शताब्दी में ही यहां हिन्दू राज्य स्थापित हो गया था. 18वीं सदी में बाली में डच लोगों ने अपना कब्जा जमाया, लेकिन धर्म और संस्कृति पर इसका असर नहीं पड़ा.


रामलीला का भी होता है आयोजन


बाली के लोगों का भी यही मानना है कि मृत्यु के बाद आत्मा सभी बंधनों से मुक्त हो जाती है, इसलिए वे मृत्यु को एक उत्सव के रूप में देखते हैं. बाली में मूर्तियों को काले सफ़ेद चेक के लुंगी जैसे कपड़े पहनाए जाते हैं. ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सरस्वती, कृष्ण, राम, गणेश आदि सभी भगवान की मूर्तियों के दर्शन होते हैं. रामलीला का आयोजन होता है. यहां मंदिर को पुरा कहते हैं. बाली उत्सवों का देश है. मुख्य त्यौहार ‘न्येपी’ है. इसे मौन दिवस के तौर पर मनाया जाता है.


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