तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति (Iranian President) हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने बुधवार को कहा कि उनका देश अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के पद से हटने से बहुत खुश है. दरअसल, ट्रंप ने इस इस्लामी गणतंत्र पर बहुत अधिक दबाव डाला था. 


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इतना ही नहीं ईरानी नेता ने ट्रंप को 'सबसे अधर्मी (न्‍याय के विरूद्ध काम करने वाला) अमेरिकी राष्ट्रपति' और 'आतंकवादी' भी कहा है. रूहानी ने कैबिनेट में दिए एक भाषण में कहा, 'हम बाइडेन के आने को लेकर बहुत खुश नहीं हैं, लेकिन हम ट्रंप के जाने पर बहुत खुश हैं. कुछ लोगों का कहना है कि आप बाइडेन के आने से अति उत्साहित हैं. ये ऐसा नहीं हैं, लेकिन हम ट्रंप के पद से जाने पर बहुत खुश हैं.'


ट्रंप को 'हत्‍यारा' भी कहा 
रूहानी ने आगे कहा, 'भगवान का शुक्र है कि ये ट्रंप के आखिरी दिन हैं.' रूहानी यहीं नहीं रुके, उन्‍होंने ट्रंप को 'तानाशाह, सबसे अनियंत्रित, कानून न मानने वाला राष्ट्रपति, आतंकवादी और हत्यारा' भी कहा. दिलचस्प बात यह है कि नवंबर में राष्‍ट्रपति चुने गए जो बाइडेन ने निवर्तमान राष्ट्रपति के कार्यकाल के 4 तनावपूर्ण वर्षों के बाद ईरान के साथ कूटनीतिक संबंधों पर लौटने की इच्‍छा का संकेत दिया है.


ट्रंप के लगातार हार मानने से इनकार करने के बीच देश के इलेक्‍टोरल कॉलेज ने भी अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन के नाम की पुष्टि कर दी है. औपचारिक तौर पर 20 जनवरी को बाइडेन के शपथ लेने पर उन्‍हें सत्‍ता सौंपी जाएगी. 


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ट्रंप के कार्यकाल में बढ़ा था तनाव 
तेहरान और वाशिंगटन के बीच तनाव ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बढ़ा था. उनके प्रशासन ने इजरायल और खाड़ी अरब राज्यों को करीब लाने की कोशिश की थी, जबकि ईरान इसके लिए तैयार नहीं था. 


2018 में ट्रंप ने वाशिंगटन को तेहरान के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते से बाहर निकाल लिया और एकतरफा प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था. इसके बाद इस जनवरी में ट्रंप ने बगदाद हवाई अड्डे के पास हवाई हमले का आदेश दिया, जिसमें ईरान के वरिष्ठ जनरल कासिम सोलेमानी मारे गए. 


कोविड-19 वैक्‍सीन का भी किया जिक्र
रूहानी ने कहा कि 'ट्रंप हमारे लिए (Covid-19) वैक्‍सीन की खरीद में बाधाएं पैदा कर रहे हैं. यह व्यक्ति सभी नैतिक और मानवीय सिद्धांतों से दूर है.' बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मध्‍य-पूर्वी देशों में ईरान सबसे ज्‍यादा 11 लाख मामलों और 52,670 मौतों वाला देश है. 


वैसे तो वैक्‍सीन और अन्य जरूरी सामानों को अमेरिकी प्रतिबंधों से मुक्त माना जाता है, लेकिन अमेरिकी अदालतों में भारी जुर्माना लगाए जाने के डर से कुछ ईरानी लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए तैयार ही नहीं हैं. 


गौरतलब है कि बाइडेन की जीत के बाद रूहानी की सरकार ने आने वाले अमेरिकी प्रशासन को ले‍कर अपने खुले होने का संकेत बार-बार संकेत दिया है. 


रूहानी ने कहा कि अमेरिकी चुनाव के नतीजे बताते हैं कि अमेरिकी लोगों ने 'कानून का पालन करने वाले' राष्ट्रपति को पसंद करते हैं और बाइडेन प्रशासन को उनकी उम्‍मीदों पर खरा उतरना चाहिए.