Iran-US Tensions: दुनिया की दिग्‍गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने शुक्रवार को दावा किया कि ईरान ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी ला रहा है. इसका मकसद अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करना प्रतीत होता है. कंपनी ने कहा कि एक मामले में तो ‘ईमेल फिशिंग’ हमले के जरिए राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान को निशाना बनाया जा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें आपके ऑनलाइन खातों की जानकारी चुराने की कोशिश को ‘फिशिंग’ कहते हैं. इसके लिए, धोखाधड़ी वाले ईमेल, संदेश, विज्ञापनों या ऐसी साइट का इस्तेमाल किया जाता है जो उन साइट की तरह दिखती हैं, जिनका आप पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं.


माइक्रोसॉफ्ट की नई खुफिया रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि ईरान, जो हाल के अमेरिकी चुनावों में एक्टिव रहा है, एक अन्य चुनाव के लिए अपनी रणनीति विकसित कर रहा है, जिसके वैश्विक प्रभाव होने की आशंका है.


ईरान का आरोपों से इनकार
इस बीच ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने या साइबर हमले करने की कोई योजना है.


ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को भेजे एक ईमेल में कहा, ‘ईरान अपने बुनियादी ढांचे, जन सेवा केंद्रों और उद्योगों को निशाना बनाने वाले कई आक्रामक साइबर अभियानों का खुद शिकार रहा है. ईरान की साइबर क्षमताएं रक्षात्मक हैं. ईरान का न तो साइबर हमले करने का कोई इरादा है और न ही उसकी कोई योजना है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव एक आंतरिक मामला है जिसमें ईरान हस्तक्षेप नहीं करता है.’


माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में ईरान में हाल की गतिविधियों के चार उदाहरणों की पहचान की गई है, जिनके बारे में कंपनी को उम्मीद है कि नवंबर में होने वाले चुनाव के करीब आने के साथ इनमें बढ़ोतरी होगी. कंपनी ने कहा कि वह इस बात पर नजर रखता रहा है कि विदेशी दुश्मन एआई तकनीक का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.


ईरान पर ट्रंप की साजिश रचने का आरोप
इस सप्ताह न्याय विभाग ने ईरान से संबंध रखने वाले एक पाकिस्तानी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक आरोपों का खुलासा किया है, जिस पर कई अधिकारियों, जिनमें संभवतः ट्रंप भी शामिल हैं, की हत्या की साजिश रचने का आरोप है.


(इनपुट - एजेंसी)


Symbolic photo courtesy- Reuters