India US Relations: अमेरिकी विदेश विभाग ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी जिनमें कथित तौर पर कहा गया है कि यूएस ने भारत को 3 अरब डॉलर के ड्रोन की बिक्री रोक दी है. विदेश विभाग ने कहा, ‘यह एक प्रस्तावित बिक्री है जिसकी घोषणा पिछले साल पीएम मोदी की यात्रा के दौरान की गई थी. हमारा मानना है कि इसमें  भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता है.'


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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'मैं कहूंगा कि आम तौर पर, अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी में पिछले दशक में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है. यह एक प्रस्तावित बिक्री है जिसकी घोषणा पिछले साल प्रधान मंत्री मोदी की यात्रा के दौरान की गई थी.'


मिलर ने कहा, 'हमारा मानना है कि यह भारत के साथ रणनीतिक टेक्नोलॉजी सहयोग और क्षेत्र में सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता रखती है.'


कांग्रेस की भूमिका पर कही यह बात
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने औपचारिक अधिसूचनाओं से पहले विदेशी मामलों की समितियों पर कांग्रेस के सदस्यों के साथ नियमित परामर्श पर जिक्र करते हुए हथियार ट्रांसफर प्रक्रिया में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया.


मिलर ने कहा, ‘बेशक, अमेरिकी हथियार हस्तांतरण प्रक्रिया में कांग्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हम अपनी औपचारिक अधिसूचना से पहले नियमित रूप से विदेशी मामलों की समितियों पर कांग्रेस के सदस्यों के साथ परामर्श करते हैं ताकि हम उनके प्रश्नों का समाधान कर सकें. लेकिन मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है यह औपचारिक अधिसूचना कब हो सकती है.’


बता दें प्रस्तावित ड्रोन सौदा संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने की व्यापक कोशिश का हिस्सा है.