Spain, Norway and Ireland recognized Palestine: इजराइल के साथ बढ़ते मतभेद के बीच स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने मंगलवार को फलस्तीन को आधिकारिक मान्यता दे दी. स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने मैड्रिड में प्रधानमंत्री आवास के द्वार पर खड़े होकर कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है जिसका एकमात्र लक्ष्य है और यह लक्ष्य इजराइल और फलस्तीन के लोगों को शांति स्थापित करने में मदद करना है.’ यूरोपी य देशों के इस फैसले से इजराइल भड़क गया है. उसने कहा कि ऐसा करके स्पेन की सरकार यहूदियों के नरसंहार में शामिल हो रही है. 


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फिलीस्तीन को मान्यता किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं- भारत


सांचेज ने कहा कि फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने का निर्णय इजराइल समेत किसी के भी खिलाफ नहीं है. उन्होंने गाजा में स्थायी संघर्ष विराम, मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने और पिछले साल सात अक्टूबर को हमला करने के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को रिहा किए जाने का आह्वान किया. 


सांचेज ने फलस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा शासित एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना की जो एक गलियारे के माध्यम से वेस्ट बैंक और गाजा को पूर्वी यरुशलम से जोड़े. उन्होंने कहा, ‘हम 1967 की सीमा रेखाओं में उन बदलावों को मान्यता नहीं देंगे, जिन्हें लेकर पक्षकारों में सहमति नहीं हो.’


आयरलैंड और नॉर्वे ने भी फिलीस्तीन को दी मान्यता


स्पेन की तर्ज पर आयरलैंड और नॉर्वे ने भी फलस्तीन राष्ट्र को औपचारिक रूप से मान्यता देने की घोषणा की. दोनों देशों ने पिछले सप्ताह फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने की प्रतिबद्धता जतायी थी. इस घोषणा के बाद आयरलैंड की राजधानी डबलिन में संसद के बाहर फलस्तीनी झंडा लहराया गया. फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने के लिए बुलाई गई मंत्रिमंडल बैठक से पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री सिमोन हैरिस ने कहा, ‘यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और मुझे लगता है कि यह दुनिया को एक संकेत भेजता है कि द्विराष्ट्र समाधान की उम्मीद बनाए रखने और इसे साकार करने में मदद के लिए एक देश के रूप में आप कुछ व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं, जबकि कुछ अन्य लोग दुखद रूप से इसे भुला रहे हैं.’


फ्रांस और जर्मनी पर बढ़ सकता है राजनयिक दबाव


नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईदे ने एक बयान में कहा, ‘30 से अधिक वर्षों से, नॉर्वे फलस्तीनी राष्ट्र के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक रहा है. आज, जब नॉर्वे ने आधिकारिक तौर पर फलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है, तो यह नॉर्वे और फलस्तीन के बीच संबंधों में एक मील का पत्थर है.’ 


लगभग 140 देशों ने फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दी है, लेकिन पश्चिम के किसी प्रमुख देश ने ऐसा नहीं किया है. तीन यूरोपीय देशों का फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता देना विश्व में फलस्तीनी राष्ट्र के लिए जनमत बनाने का अहम संकेत साबित हो सकता है और यूरोपीय संघ में शामिल शक्तिशाली देशों जैसे फ्रांस और जर्मनी को भी अपने रुख पर पुनर्विचार करने का दबाव बन सकता है. 


आयरलैंड के नेता हैरिस ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि यूरोपीय संघ को इजराइल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए. यूरोपीय संघ के सदस्य आयरलैंड और स्पेन की ओर से फलस्तीन को राजनयिक मान्यता देने से यूरोपीय संघ और इजराइल के आपसी संबंध गिर गए हैं. 


यूरोपीय संघ ने नेतन्याहू पर मुकदमे का किया समर्थन


स्पेन का कहना है कि गाजा के दक्षिणी शहर रफह में लगातार हमलों के लिए इजराइल के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार किया जाना चाहिए. इजराइली विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने स्पेन से कहा है कि यरूशलम में उसके वाणिज्य दूतावास को फलस्तीनियों की मदद करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 


यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का पुरजोर समर्थन किया है जिसके अभियोजक इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास के नेताओं सहित अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध कर रहे हैं. नॉर्वे ने फलस्तीन राष्ट्र को औपचारिक मान्यता देने से पहले सप्ताहांत में फलस्तीन सरकार को राजनयिक दस्तावेज सौंपे थे. 


इजराइल यूरोपीय देशों के एक्शन पर किया पलटवार


बताते चलें कि यूरोपीय संघ में शामिल देश इजराइल पर गाजा में हमले रोकने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. दर्जनों देशों ने फलस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी है लेकिन किसी बड़े पश्चिमी देश ने अब तक ऐसा नहीं किया है. वहीं, इजराइल ने इस राजनयिक कदम की आलोचना की, जिसका गाजा में इसकी आक्रामक कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 


इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में तुरंत स्पेन पर हमला बोला और कहा कि सांचेज की सरकार ‘यहूदियों के खिलाफ नरसंहार को भड़काने और युद्ध अपराधों में शामिल हो रही है.’


(एजेंसी भाषा)